लखीमपुर : नया राशन कार्ड न बनने से राशन से वंचित हैं जरूरतमंद

लखीमपुर खीरी। बिजुआ देश भर में लॉकडाउन के समय से गरीबों एवं असहायों को भुखमरी से बचाने के लिए सरकार द्वारा सहायता के रूप में निःशुल्क एवं कम कीमतों पर उपलब्ध कराए जाने वाले राशन का वितरण किया जा रहा है। राशन कार्ड धारक खाद्यान का उठाव कर लाभान्वित भी हो रहे हैं। सामान्य लोगों में मजबूर, रोज कमाने खाने वालों के बीच ऐसे जरूरतमंद लोगों की भी अपार संख्या है जो राशन कार्ड से वंचित हैं। पड़ोस के घरों में राशन की सामग्री आता देख, कार्ड से वंचित लोगों के बीच लगातार असंतोष बढ़ता जा रहा है। फैल रहे असंतोष के वातावरण में कार्ड से वंचित लोग सरकार के कार्य प्रणाली एवं व्यवस्थाओं से क्षुब्धता प्रकट कर रहे हैं।

नए राशन कार्ड न बनने से राशन से वंचित हैं जरूरतमंद

तहसील गोला क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले तमाम गांवों के पात्र लोग नए राशन कार्ड बनवाने के लिए कड़ी मशक्कत कर रहे हैं। लेकिन मशक्कत करने के उपरांत भी उनका राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है। लोगों को नया राशन कार्ड बनवाने व पुराने कार्डों में संशोधन के लिए तहसील के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। लोगों को मायूस व निराश होकर तहसील से जाना पड़ता है। बावजूद इसके जिम्मेदार अधिकारी कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे रहे हैं। जिसका खामियाजा नया कार्ड बनवाने के लिए आवेदन करने वाले लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

भटक रहे पात्र व्यक्ति अपात्र उठा रहे राशन

आवेदक कर्ता प्रतिदिन तहसील के चक्कर लगा रहे हैं। राशन कार्ड न बनने से सैकड़ों गरीब परिवारों को सस्ते खाद्यान्न का लाभ नहीं मिल पा रहा है। गरीब परिवार मजबूरन बाजार से महंगे दामों में गेहूं चावल खरीदने को मजबूर हैं लोगों में कार्ड न बनने से निराशा है।जरूरतमंद राशनकार्ड से वंचित लोगों तक राशन का असर समाज के अंतिम पायदान पर बैठे लोगों के साथ ही अब मध्यम वर्ग में भी इसका सीधा असर देखा जा रहा है।

नहीं मिल रहा शासकीय योजना का लाभ

राशन कार्ड एक जरूरी दस्तावेज है जिसकी अनेक कामों में जरूरत पड़ती है। वहीं नई प्रणाली के अनुसार राशन कार्ड के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या भी बढ़ा दी गई है। इन दस्तावेजों को जमा करने के लिए ग्रामीण नागरिकों को बड़े पैमाने पर दिक्कत उठानी पड़ रही है। किंतु फिर भी शासकीय नियम के अनुसार दस्तावेज जमा करने के बावजूद भी सैकड़ों की तादाद ऐसे लाभार्थियों की है जो दस्तावेज जमा करने के बाद भी अपने आप को ठगा महसूस करते हैं।जो लोग नया राशन कार्ड बनवाने की मंशा रखते हैं उनके साथ शासन द्वारा छल किया जा रहा है। सरकार चाहे जितने भी वादे कर ले कि हर परिवार को राशन कार्ड के माध्यम से अनाज मुहैया कराया जा रहा है। तथा विभिन्न शासकीय योजना का लाभ दिलाया जा रहा है यह सारी बातें अब खोखली नजर आने लगी हैं।

ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों में लगभग 90 प्रतिशत लोग राशन कार्ड के माध्यम से मिलने वाली स्कीमों पर निर्भर हैं। किंतु जिस प्रकार से पात्र होने के बावजूद बिना राशन कार्ड वालों की ग्रामीण क्षेत्रों में भरमार है उससे यही बात उभर कर सामने आ रही है कि शासन खुद ही सामान्य जनता को प्रताड़ित करने का काम कर रहा है। क्योंकि राशन कार्ड बनवाने के लिए जिन दस्तावेजों को अनिवार्य किया गया वह सभी दस्तावेज ग्रामीणों ने जमा किए परंतु फिर भी नए राशन कार्ड धारकों के कारण न बन सके। सबसे बड़ी चौंकाने वाली बात यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में कामकाज का प्रबंध न रहने वाले लोगों के खाने के लाले हैं। लेकिन शासन प्रशासन को गरीबों की इन समस्याओं से कोई लेना देना नहीं है।

अपात्र व्यक्तियों को मिल रहा राशन का लाभ

ग्राम पंचायत भदेड़ के ग्राम प्रधान देवेंद्र सिंह ने बताया कि ग्राम पंचायत में लगभग 40 अपात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड बने हैं। जो हर माह राशन का लाभ उठा रहे हैं।जिसकी लिखित सूचना पूर्ति निरीक्षक तहसील गोला को छह माह पूर्व दी जा चुकी है। बावजूद इसके अपात्र व्यक्तियों के राशन कार्ड निरस्त नहीं किए गए। ग्राम पंचायत में 45 परिवार ऐसे हैं जो पात्र होते हुए भी राशन कार्ड से वंचित हैं जिन्होंने राशन कार्ड में की जाने वाली पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर ली है परंतु फिर भी उनके राशन कार्ड नहीं बन पा रहे हैं। ऐसे में वे बाजार से महंगे दामों पर खाद्यान्न खरीदने को विवश हैं।

क्या कहते हैं क्षेत्र वासी —-

गोधिया निवासी प्रकास पासी ने बताया की अनेक बार ग्राम प्रधान व कोटेदार को कागज दिए गए लेकिन आज तक हमारा राशन कार्ड नहीं बना। हमारा आठ लोगो का परिवार है और हम लोग सभी मजदूरी पर ही नर्भर है फिर भी हमारा राशन कार्ड आज तक नहीं बना।

भदेड निवासी किशोरी लाल गुप्ता पुत्र सुंदर लाल गुप्ता ने बताया कि राशन कार्ड के लिए दर-दर भटक रहा हूं मैंने देखा है कई अपात्र व्यक्ति राशन उठा रहे हैं लेकिन मेरे पात्र होते हुए भी मेरा राशन कार्ड नहीं बन पा रहा है।

बिजुआ निवासी बलराम राही ने बताया कि राशन कार्ड बनवाने के लिए दौड़ते दौड़ते चप्पलें घिस गई लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पाया। बहुत से ऐसे अपात्र हैं जो राशन कार्ड का लाभ उठा रहे हैं परंतु मेरे पात्र होते हुए भी कार्ड नहीं बन पा रहा है।

शिवसागर लाल निवासी पिपरा खुर्द ने बताया कि राशन कार्ड के लिए कई बार ऑनलाइन करा कर ग्राम प्रधान से लेकर तहसील तक के कई चक्कर लगाए लेकिन राशन कार्ड नहीं बन पाया अब हम बूढ़े हो गए लगता है राशन कार्ड बनेगा ही नहीं।

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