
लखीमपुर खीरी– जिला निर्वाचन अधिकारी/डीएम महेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग द्वारा लिए निर्णय पर विधानसभा सामान्य निर्वाचन 2022 में मतदाता फोटो पहचान पत्र के विकल्प के संबंध में प्रतिरूपण को रोकने की दृष्टि से मतदान के समय मतदाता को अपनी पहचान सिद्ध करने के लिए अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा, परंतु ऐसे मतदाता जो अपना मतदाता फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत नहीं कर पाते हैं, उन्हें अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 वैकल्पिक फोटो पहचान दस्तावेजों में से कोई एक प्रस्तुत करना होगा।
डीएम ने बताया कि एपिक के संबंध में लेखन अशुद्धि, वर्तनी की अशुद्धि इत्यादि को नजरअंदाज कर देना चाहिए, बशर्ते निर्वाचक की पहचान एपिक से सुनिश्चित की जा सके। यदि कोई निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रदर्शित करता है, जो कि किसी अन्य विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा जारी किया गया है, ऐसे ही एपिक भी पहचान स्थापित करने हेतु स्वीकृत किए जाएंगे। बशर्ते उस निर्वाचक का नाम जहां वह मतदान करने आया है, उस मतदान केंद्र से संबंधित निर्वाचक नामावली में उपलब्ध हो। फोटोग्राफ इत्यादि के बेमेल होने के कारण निर्वाचक की पहचान सुनिश्चित करना संभव ना हो। तब निर्वाचक को उपरोक्त वैकल्पिक दस्तावेज को प्रस्तुत करना होगा।
उपरोक्त किसी भी बात के होते हुए भी प्रवासी निर्वाचको को, जो अपने पासपोर्ट में विवरणों के आधार पर लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा 20 क के अधीन निर्वाचक नामावलियो में पंजीकृत हैं, उन्हें मतदान केंद्र में उनके केवल मूल पासपोर्ट (तथा कोई अन्य पहचान दस्तावेज नहीं) के आधार पर ही पहचाना जाएगा।
वैकल्पिक फोटो पहचान के अनुमन्य 12 दस्तावेज
आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों एवं डाकघरों द्वारा जारी किए गए फोटोयुक्त पासबुक, श्रम मंत्रालय की योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के अंतर्गत आरजीआई द्वारा जारी किए गए स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट फोटो युक्त पेंशन दस्तावेज, केंद्र एवं राज्य सरकार लोक उपक्रम पब्लिक लिमिटेड कंपनियों द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए गए फोटो युक्त सेवा पहचान पत्र, सांसदों/ विधायकों/विधान परिषद सदस्यों को जारी किए गए सरकारी पहचान पत्र, यूनिक डिसेबिलिटी आईडी यूडीआईडी कार्ड सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय भारत सरकार।