पलियाकलां-लखीमपुर-खीरी। संसार की परंपरा है कि अपनों से स्नेह और दुलार तो सभी करते हैं। मगर जब बेजुबान पशु पक्षियों से स्नेह कोई करता है तो शायद ऐसे लोग विरले ही होते हैं। कोई प्रकृति से स्नेह करता है तो कोई पशु पक्षियों से। वैसे तो संसार में अनगिनत शौकीन पाए जाते हैं। कहीं लोग पालतू पशुओं को पालकर अपना शौक मिटाते हैं, तो कहीं पक्षियों को पिंजरे में कैद करके घर की सुंदरता व अपना शौक मिटाते हैं। लेकिन इससे परे हटकर जब आसमान में उड़ते हुए स्वतंत्र चित्र से पक्षियों से कोई प्यार करता है और वह रोज कई कई घंटों घर के आंगन और हाथ की हथेली पर रखे हुए अनाज के दानों को चुगते हैं। तो वह दृश्य जो भी देखता है गदगद हो जाता है।
पक्षियों से इतना स्नेह कि घर के आंगन में गुटर गू करते हैं कबूतर।
ऐसा ही एक वाक्या बिजुआ ब्लॉक के तराई क्षेत्र में बसे गांव भानपुर में देखने को मिला। जहां गांव के ही निवासी राजेन्द्र उर्फ बब्बू सिंह को पशु पक्षियों से इतना स्नेह है कि उनके घर के आंगन से लेकर उनकी छतों पर कई कई घंटों तक कबूतर सहित अन्य पक्षी दाना चुगते रहते हैं और इतना ही नहीं वह जब अपने हाथों की हथेली पर अनाज के दाने रखते हैं तो कबूतर उनके हाथों पर रखे दाने को चुगने लगते हैं। यह दृश्य जो भी देखता है प्रफुल्लित हो उठता है और इस पशु प्रेमी के स्नेह की अटूट सराहना करते नहीं थकता।