लखीमपुर : नगर का कचरा बना लोगों की मुसीबत

लखीमपुर खीरी। निघासन क़स्बे में कचरा निस्तारण एक बड़ी समस्या है। क़स्बे से निकलने वाले कचरे को मेला मैदान, खैरीगढ़ रोड व निघासन रोड पर डंप किया जा रहा है। आसपास घरों में रहने वाले लोगों के साथ ही राहगीर भी परेशान हैं। सिंगाही नगर पंचायत में कचरा निस्तारण के लिए करीब तीन साल पहले सिंगाही देहात के पास लाखों रुपये की लागत से कचरा निस्तारण केंद्र बनवाया गया। क़स्बे से निकलने वाले सूखे, गीले कूड़े को यहीं पर लाकर निस्तारित किया जाना था। मगर ऐसा नहीं हो सका।

आज हालात यह है कि मोहल्लों से निकलने वाले कचरे को खल्ला पूर्व गांव के पास सड़क किनारे डंप किया जा रहा है। कूड़े के डंप होने से लोग दुर्गंध व सड़ांध से परेशान है। तेज हवाएं चलने पर कूड़ा उड़कर लोगों के घरों तक पहुंच रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि कई वार्डों में जल निकासी की समस्या है। साफ सफाई न होने से नालियां भी चोक रहती है। कई प्रमुख समस्याएं अभी भी वैसी ही हैं जैसी पांच साल पहले थीं। नगर पंचायत प्रशासन के पास इन सेंटरों के शुरू न होने का कोई न कोई बहाना है।

क़स्बे में कूड़ों के ढेर लगे हैं और आबादी के बीच इनका निस्तारण किया जा रहा है। कस्बेवासियों ने बताया कि बाजार में बारिश में पानी ओवरफ्लो होकर दुकान में घुसने लगता है। पिछली साल भी पानी दुकान में घुसने परचून की दुकान है। नालियां चोक होने की से हजारों का नुकसान हुआ था। जल निकासी का उचित प्रबंध कराने की मांग वर्षों से हो रही है। वहीं सड़क पर कचरा फेंके जाने की समस्या भी दूर नहीं हुई। वार्ड की अधिकतर नालियां चोक है। मच्छरों का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। टायफाइड, मलेरिया, डेंगू जैसी बीमारियों का खतरा लगा रहता है। सड़क पर कचरा फैले होने से राहगीरों को परेशानी होती है। तेज हवा चलने पर गंदगी आंखों में जाने से हादसे का डर रहता है। कई बार इस समस्याओं के निदान की मांग की जा चुकी है।

एमआरएफ सेंटर का लाभ

प्रतिदिन बड़ी मात्रा में एकत्र होने वाले कचरे के निस्तारण के लिए स्वच्छ भारत मिशन योजना के तहत नगर पंचायत में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए थे। यहां पहुंचने वाले कूड़े से सूखे और गीले कचरे को अलग कर सूखे कूड़े से प्लास्टिक, लोहा, रोड़ा तथा अन्य तरह के कबाड़ को अलग एकत्रित कर उसकी बिक्री कर दी जाएगी।

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