लखीमपुर खीरी। बिजुआ ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र के बस्तौला -अलीगंज मार्ग के जर्जर अवस्था में होने के कारण सड़क गहरे गड्ढो में तब्दील हो गई है जिससे क्षेत्रीय जनता को तहसील मुख्यालय गोला आने जाने मे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। रोड में गड्ढे हो जाने के कारण छोटी बड़ी घटनाएं हो जाना आम बात हो गई है।
गड्ढों से गुजरने के आदी हो चुके जनप्रतिनिधि और संबंधित अधिकारी, सड़क निर्माण से नही कोई सरोकार
ब्लॉक बिजुआ क्षेत्र की बात की जाए तो यहां सड़कों का हाल बद से बद्तर होने के बावजूद भाजपा के विधायक हो या भाजपा सांसद व ग्रह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी जैसे तमाम नेताओ की नजरें इनायत नहीं हुई। जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। ज्ञात हो की लखीमपुर खीरी जिले की गोला गोकर्णनाथ तहसील क्षेत्र में बनी अलीगंज से बस्तौला बिजुआ तक जाने वाली सड़क हल्की बारिश में ही तालाब में तब्दील हो जाती है। जिससे राहगीरों व आम जनता का पैदल चलना भी दूभर हो जाता है। यह सड़क कई वर्षो से जर्जर हालत में पड़ी है ।इस मार्ग से रोज सैकड़ों वाहन अपनी जान जोखिम में डालकर चलते हैं।
जानलेवा साबित होता वर्षो से जर्जर पड़ा बस्तौला वाया अलीगंज गोला का मार्ग
इस रोड से गुजरने वाले अनजान लोगो को सड़क का अंदाजा नहीं हो पाता जिसके कारण रोज लोग दुर्घटना के शिकार हो रहे हैं। लोगो का कहना है इस रोड पर यह पता ही नहीं चलता की रोड में गड्डे है या गड्डे में रोड वही क्षेत्रीय व स्थानीय लोगों ने बताया कई बार भाजपा के सांसद विधायक व प्रशासन को मार्ग को चौड़ी करण कर बनवाए जाने की मांग की गई मगर अभी तक किसी तरह की पहल नहीं हुई है। अलीगंज से गोला तक ही मार्ग सही करवाया गया इधर जर्जर मार्ग पर कोई भी ध्यान नहीं दे रहा है। रोज विद्यालय में जाने वाले बच्चों एवं बुजुर्गों तो कभी युवाओं को अपनी जान जोखिम में डालकर सड़क से गुजरना पड़ रहा है और वाहन चालक आए दिन हादसे का शिकार हो रहे हैं। इस सड़क के जर्जर होने के कारण क्षेत्र में शासन प्रसासन के प्रति लोगो में रोष व्याप्त होता जा रहा है।
बस्तौला वाया अलीगंज गोला तहसील मुख्यालय को जाने हेतु क्षेत्र वासियों के लिए प्रमुख मार्ग होने से इस मार्ग पर कई जनप्रतिनिधियों से लेकर प्रमुख अधिकारियों का भी आना जाना लगा रहता है फिर भी जिम्मेदार जनप्रतिनिधि और अधिकारी देखकर भी अनदेखी कर रहे हैं। वहीं क्षेत्र के तमाम ग्रामीणों का कहना है की जनप्रतिनिधि आम लोगों की समस्याओं और मांगों को नजरंदाज कर रहे हैं। उन्हें लोगों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है।