लखीमपुर खीरी । बिजुआ विकासखंड बिजुआ के ग्राम पंचायत गढ़ैया के विकास कार्यों को लेकर ग्रामीणों ने ग्राम विकास अधिकारी व ग्राम प्रधान पर भ्रष्टाचार करने के आरोप लगाया है , आरोप है सोशल ऑडिट के दौरान फर्जी तरीके से हस्ताक्षर करवाए गए आवाज के नाम पर ग्रामीणों से 10000 से लगाकर 20000 तक लिए गए हैं। इस संबंध में दर्जनों ग्रामीणों ने विकास भवन लखीमपुर जाकर जांच के लिए प्रार्थना पत्र दिया था। ग्रामीणों ने बताया ग्राम प्रधान व अधिकारियों की मिलीभगत से अपात्र लोगों को रुपए लेकर आवास दिया गया है और कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनको पूर्व में आवास मिला था उनको पुनः आवास दे दिया गया है।
मनरेगा योजना में फर्जी तरीके से लोगों के नाम भरकर लाखों रुपए का बंदरबांट किया गया है वही चुनावी रंजिश के चलते पात्र लाभार्थियों को अभी तक आवास नहीं मिला है। फर्जी सोशल ऑडिट मनरेगा व आवास की जांच के लिए ग्राम पंचायत में कराए गए मनरेगा सहित आवास लाभार्थी भ्रष्टाचार में संलिप्त लोगों के विरुद्ध कठोर कार्रवाई करने के लिए जिला विकास अधिकारी को 5 जून 2023 को प्रार्थना पत्र दिया था लेकिन अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई जिसके चलते लगभग एक दर्जन लोग पुनः जिला मुख्यालय जाकर जिलाधिकारी को प्रार्थना पत्र सौंपा।
हमारे वहां ग्राम पंचायत की फर्जी सोशल ऑडिट करवाई गई ग्राम पंचायत में कोई भी जानकारी नहीं दी गई प्रधान ने अपने चहेतों को बुलाकर ऑडिट करवाई जोकि सब गलत है जो लोग मनरेगा में कभी भी काम पर नहीं गए सूची में उनके नाम से बहुत सारा पैसा निकाला गया इसकी जांच होनी चाहिए उसी का एप्लीकेशन हम सब लोगों ने जिले पर जाकर संबंधित सक्षम अधिकारी को दिया है।
गया प्रसाद ग्रामीण
मुझे प्रधान द्वारा आवास नहीं दिया गया जबकि मैं पात्र हू जो अपात्र हैं जिनके मकान बने हैं और संपन्न है उनको पुनः आवास दे दिया गया। ग्राम प्रधान उन्हीं लोगों को आवास देते हैं जो उनको अच्छा पैसा देते हैं गरीब होने के कारण मैं पैसा नहीं दे सका इसलिए मुझे आवास नहीं दिया गया, और फर्जी सोशल ऑडिट की गई जिसमें किसी को जानकारी नहीं दी गई उसी की जांच के लिए हम सभी लोग लखीमपुर गए थे, जांच की जाए और पुनः सोशल ऑडिट करवाई जाए दोषियों पर कार्रवाई की जाए ।
हुकुम सिंह ग्रामीण
आवास के लिए ग्राम प्रधान ने 5000 लिए और आज तक न पैसे वापस किए और ना मुझे आवास मिला जिसकी शिकायत ब्लॉक से लेकर उच्च अधिकारियों तक कर चुका हूं अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई और ग्राम पंचायत की फर्जी सोशल ऑडिट की गई हमारी ग्राम पंचायत में जमकर भ्रष्टाचार हो रहा है जिसकी जांच के लिए शिकायत उच्च अधिकारियों से करने के लिए हम लोग लखीमपुर गए थे।
महाराम ग्रामीण
ग्राम प्रधान ने मुझसे 10000 लिए बताया की मुझे पैसे दो। ऊपर अधिकारियों को देना पड़ता है जो पैसा नहीं देगा उसका आवास नहीं आएगा इसलिए हमने प्रधान को पैसे दे दिए। पैसे की और मांग की गई जो में नही दे सका इसलिए सूची से हमारा नाम काट दिया गया। और भी गांव में बहुत भ्रष्टाचार फैला है जिसकी शिकायत हमने पोर्टल पर भी की खंड विकास अधिकारी बिजुआ वह मुख्य विकास अधिकारी लखीमपुर जिला विकास अधिकारी लखीमपुर को दे दी है आश्वासन दिया गया है जल्द ही जांच होगी भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
बच्चन ग्रामीण
ग्राम प्रधान द्वारा पहली किस्त पर दस हजार रुपए लिए गए और जब दूसरी किस्त पर 5000रु फिर मांगे गए जो मैं नहीं दे सका और इसकी शिकायत खंड विकास अधिकारी बिजुआ से की तब इन लोगों ने बताया तुम्हारे नाम से पहले भी आवास आवंटित हो चुका है और अब रिकवरी की जायेगी। मैं गरीब व्यक्ति हू जमीन गिरवी रखकर इतना बनवाया है और हमें लड़की का विवाह भी करना है अगर रिकवरी हुई तो हम लोगों के पास आत्महत्या के सिवा कोई चारा नहीं है।