लखीमपुर: क्या राज बनकर रह जाएगा अंशू हत्या कांड

मितौली खीरी। पांच माह बीत जाने के बाद भी अंशू हत्याकांड का नही हो सका खुलासा। आखिर कैसे हुई थी पांच वर्षीय अंशू की हत्या, कौन हत्यारा। पी एम रिपोर्ट में भी शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे। इसी प्रकरण में पूंछ तांछ के लिए गांव के ही एक  व्यक्ति को पुलिस थाने ले गई थी जहां उसकी मृत्यु हो गई थी। हालांकि पी एम रिपोर्ट में उस व्यक्ति की मौत के कारण स्पष्ट नही था। परिजनों ने जम कर हंगामा काटा था। आरोप था पूंछ टांछ के दौरान पुलिस पिटाई से मौत हुई है।

ज्ञात हो कि थाना क्षेत्र के गांव पकरिया (जलालपुर) निवासी अनूप कुमार भार्गव की 6 वर्षीय पुत्री अंशू  दो  अप्रैल को शाम चार बजे के करीब अपने घर के बाहर खेलते समय कहीं लापता हो गई थी। परिजनों ने काफी खोजबीन की किंतु उस मासूम का कही पता नही लग पाया। बुधवार तीन अप्रैल  शाम के समय करीब सात बजे  बालिका का शव गांव के किनारे झाड़ियों में पाया गया था ।पी एम रिपोर्ट में शरीर पर चोट के निशान पाए गए थे किंतु आज तक कौन था अंशू का हत्यारा एक राज बनकर रह गया।

इसी प्रकरण के खुलासे को लेकर पुलिस गांव के ही पड़ोसी आशाराम को पूंछ तांछ के लिए थाने ले गई थी जहां अज्ञात कारणों के चलते आशाराम की मौत हो गई थी। परिजनों ने पुलिस पर मारपीट कर हत्या का आरोप लगाते हुए कई घंटे कस्ता में लखीमपुर मैगल गंज मार्ग जाम कर दिया था। कई घंटे बाद काफी समझाने बुझाने के बाद जाम खुला था। हालांकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में आशाराम की मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण बिसरा प्रिजर्ब कर दिया गया था तथा आशाराम के पुत्र की तहरीर पर कुछ पुलिस कर्मियों के विरुद्ध अभियोग भी पंजीकृत किया गया था।

किंतु आज तक अंशू हत्याकांड एक राज बन कर रह गया। आखिर किसने और क्यों  की थी मासूम की हत्या। आज भी सवाल बनकर रह गया है। मितौली पुलिस आज भी हाथ पर हाथ रखे हुए बैठी है।

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