अयोध्या । कभी पूर्वांचल के सबसे बड़े महाविद्यालय के रूप में पहचान रखने वाले साकेत महाविद्यालय के 117 शिक्षकों व 87 कर्मचारियों के वेतन पर रोक लग गई है मामला एचआरए को लेकर उच्च शिक्षा अधिकारी व प्रबंधतंत्र के बीच उठी रार को लेकर है, प्रबंध तंत्र के अनुसार एक ही शहर में रहकर नौकरी करने वाले पति पत्नी में से एक को ही एचआरए देने का प्रावधान है वहीं पर उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ के द्वारा एक अध्यापक द्वारा एचआरए प्रस्तुत ना किए जाने के कारण जनवरी माह का सभी 117 शिक्षकों व 87 कर्मचारियों का वेतन रोक दिया गया है पूर्व में उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ के द्वारा उक्त अध्यापक के एचआरए प्रस्तुत करने के निर्देश प्रबंधतंत्र को दिए गए थे जिससे वेतन भुगतान कराया जा सके परंतु प्रबंध तंत्र के द्वारा उच्च शिक्षा अधिकारी लखनऊ के आदेश को दरकिनार किया गया जिसके कारण सैकड़ों शिक्षकों का कर्मचारियों का जनवरी माह का वेतन अधर में लटक गया ।
महाविद्यालय के शिक्षकों का कहना है शिक्षकों का वेतन रुकने के कारण उनके समक्ष तमाम मूलभूत समस्याएं मुंह उठाये खड़ी हो गई है जहां पर इनकम टैक्स का कटना है अन्य प्रकार की ईएमआई का भुगतान वेतन ना मिल पाने के कारण रुक गया है। बताते चलें आज महाविद्यालय के शिक्षकों के द्वारा बैठक कर 16 फरवरी से चल रही महाविद्यालय परीक्षाओं का बहिष्कार कर विद्यालय परिसर में वेतन मांग को लेकर धरना देने का निर्णय लिया गया है ।
इस संबंध में शिक्षकों का एक प्रतिनिधिमंडल डॉ राम मनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के कुलसचिव उमानाथ से भी मिला और लिखित रूप से वेतन भुगतान ना होने के कारण चल रही महाविद्यालय परीक्षाओं का बहिष्कार करने वह धरना देने के संबंध में पत्र भी दिया गया है।ज्ञापन देने वाले शिक्षक नेताओं में प्रो आशीष प्रताप सिंह महामंत्री महाविद्यालय शिक्षक संघ,अमूल्य सिंह, डॉ विनय सिंह वरिष्ठ उपाध्यक्ष शिक्षक संघ,प्रो आशुतोष सिंह,चंद्रप्रकाश श्रीवास्तव महामंत्री कर्मचारी परिषद,चंद्रकांत अवस्थी अध्यक्ष कर्मचारी परिषद प्रमुख रहे।