
बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का नया गवर्नर बनाया गया है. वो एनएन वोहरा की जगह लेंगे. वोहरा को जून 2008 में राज्यपाल नियुक्त किया गया था और उन्हें 2013 में फिर से राज्यपाल का कार्यभार सौंपा गया था. करीब 10 साल से वो राज्य के गवर्नर पद पर थे. सत्यपाल मलिक को जम्मू-कश्मीर का राज्यपाल बनाए जाने का कदम बड़ा बदलाव साबित हो सकता है. क्योंकि वो कर्ण सिंह के बाद पहले ऐसे राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नेता हैं जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया है.
पिछले साल सितंबर में बिहार के राज्यपाल नियुक्त किए गए मलिक ऐसे समय में जम्मू कश्मीर के राज्यपाल का पदभार ग्रहण करेंगे जब वहां राज्यपाल शासन लगा हुआ है. 72 साल के सत्यपाल मलिक जम्मू कश्मीर में कर्ण सिंह के बाद पहले ऐसे राजनीतिक पृष्ठभूमि वाले नेता हैं जिन्हें राज्यपाल नियुक्त किया गया है. सिंह 1965 से 1967 तक राज्यपाल थे. उससे पहले, सिंह जम्मू कश्मीर के भारतीय संघ में विलय के पश्चात सदर-ए-रियासत थे.
मलिक केंद्रीय संसदीय कार्य और पर्यटन राज्यमंत्री रह चुके हैं. वो केंद्र एवं उत्तरप्रदेश सरकारों में महत्वपूर्ण पदों पर रहे हैं. वो दो बार राज्यसभा और एक बार 1989-1990 में लोकसभा के सदस्य रहे चुके हैं. मलिक 1974-1977 के दौरान उत्तर प्रदेश विधानसभा के सदस्य रहे हैं. अपने राजनीतिक करियर में कई संसदीय समितियों के अध्यक्ष और सदस्य रहे हैं. भारतीय क्रांतिदल, लोकदल, कांग्रेस, जनता दल और बीजेपी से जुड़े रहे हैं सत्यपाल मलिक.
कई राज्यों में फेरबदल
जम्मू-कश्मीर में फेरबदल के अलावा बिहार समेत कई राज्यों में गवर्नर बदले गए हैं. लालजी टंडन को बिहार की जिम्मेदारी मिली है. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खास वरिष्ठ बीजेपी नेता टंडन तब अहम वार्ताकार थे जब बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में मायावती के साथ मिलकर सरकार बनायी थी. उन्हें 2004 में साड़ी वितरण त्रासदी में आलोचना झेलनी पड़ी थी, क्योंकि तब 21 महिलाओं और एक बच्चे की जान चली गयी थी.
सत्यदेव नारायण आर्य हरियाणा के और बेबी रानी मौर्य उत्तराखंड की गवर्नर बनाई गई हैं. हरियाणा के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी अब त्रिपुरा के गवर्नर होंगे. त्रिपुरा के गवर्नर तथागत रॉय मेघालय की जिम्मेदारी संभालेंगे. मेघालय के राज्यपाल गंगाप्रसाद का ट्रांसफर सिक्किम कर दिया गया
यह मेरे लिए अटल जी का आशीर्वाद : टंडन
बिहार के मनोनीत राज्यपाल लालजी टंडन ने अपने मनोनयन की घोषणा के बाद मंगलवार की शाम कहा कि ये पद उनके लिए अटल जी का आशीर्वाद स्वरूप है। वे अगर आज जिंदा होते तो जरूर मेरे आवास पर आकर मेरे कंधे पर हाथ रख कर बधाई देते। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझे जो जिम्मेदारी दी है, उसको हरसंभव तरीके से निभाउंगा। बिहार में सुशासन के लिए चल रहे अभियान में नीतीश कुमार सरकार को पूरा सहयोग करूंगा। घोषणा के बाद टंडन के त्रिलोकनाथ रोड स्थित सरकारी आवास पर लोगों का जुटना शुरू हो गया। शाम करीब 8:00 बजे तक अनेक लोग जमा हो गए।
सीएम योगी ने की 25 मिनट मुलाकात
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनके आवास पहुंच कर करीब 25 मिनट तक वार्ता की। इस दौरान उनके साथ में उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा, प्राविधिक एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन भी मौजूद रहे। मुलाकात के बाद सीएम योगी ने कहा कि लालजी टंडन भाजपा के वरिष्ठ नेता हैं। उनको सार्वजनिक जीवन का लंबा अनुभव है। हम पीएम के आभारी हैं, उन्होंने टंडनजी को चुना है। टंडन जी अटल जी के विश्र्वसनीय सहयोगी रहे।
नीतीश ने फोन पर दी बधाई
बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने लाल जी टंडन को फोन कर के बधाई दी। दोनों नेताओं के बीच करीब चार मिनट तक फोन पर बातचीत हुई। टंडन ने उनसे कहा कि हर तरह का सहयोग वे राज्य सरकार को देंगे।