अमित शुक्ला
हसनगंज, उन्नाव। विद्दुत विभाग की जर्जर व्यवस्था के चलते हल्की सी आंधी में 33 हजार लाइन ध्वस्त हो गई। जिससे 36 घंटे गुजरने के बाद भी भीषण गर्मी व लू में हवा, पानी व रोशनी के लिए ग्रामीण बेहाल रहे। विभागीय आला अधिकारी आफिसो में बैठकर आराम फरमाते रहे।
मालूम हो कि हसनगंज पावर हाउस को 2018/19 में पांचवें डिवीजन का दर्जा दे दिया गया। सुविधाओं के नाम पर जहाँ जेई से लेकर सहायक अभियंता व अधिशाषी अधिकारी की नियुक्ति की गई। लेकिन एक वर्ष गुजरने के बाद भी डिवीजन की व्यवस्थाएं जस की तस बनी हुई है। आला अधिकारी शाम ढलते ही लखनऊ पहुंच कर रात एसी में गुजार आराम फरमाते है वहीं गांवों व कस्बों के उपभोक्ता हवा पानी तो दूर रोशनी व मोबाइल चार्ज करने के लिए तरसते है। रविवार को सुबह विद्दुत सप्लाई जाने के बाद रात आठ बजे से थोड़ी सी आंधी क्या आ गयी कि खोखापुर 33 हजार लाइन ध्वस्त हो गई।
जिस पर शासन के सभी आदेशों को ताक पर रखकर विद्दुत विभाग के आला अधिकारी 36 घंटे गुजरने के बाद भी ध्वस्त लाइन को सही नहीं कर पाये। जिससे गावों व कस्बों में पानी, हवा व मोबाइल चार्ज करने के लिए उपभोक्ता तरसते रहे। यहां तक तहसील मुख्यालय सहित सीएचसी पर जनरेटर व्यवस्था होने के बाद भी जिम्मेदार जनरेटर का डीजल बचाने की जुगत में लगे रहे। मरीज व वादकारी भीषण गर्मी व लू में हलक तर करने के लिए दो रूपये का मानक विहीन पानी का पाउच ढूंढते नजर आये। अधिकारी अपने कार्यालयों में पंखे व एसी की ठंडी से अपने को तर करते रहे। तहसील मुख्यालय के सीएचसी पर स्टाफ नर्स व डाक्टर दफ्ती से हवा लेते रहे।
मरीज व आशा बहुंऐ फर्श पर लेटकर भीषण गर्मी व लू से बचाव करती रही। सीएचसी अधीक्षक डा नितिन श्रीवास्तव ने बताया कि जनरेटर खराब होने से दिक्कत हो रही है इसके लिए कई दिन इलेक्ट्रिशयन को बुलाया गया है। उधर तहसीलदार लालधर यादव ने माना विद्दुत व्यवस्था गड़बड़ हो जाने से परेशानी हो रही है तो वहीं ज्यादा जनरेटर चलाने से खराब हो जाता है। बिजली व सर्वर न आने से किसी तरह काम चलाया जा रहा है। जबकि पांचवें डिवीजन के एसडीओ निखिल जयसवाल ने विद्दुत व्यवस्था चौपट होने के सवाल पर बताया कि खोखापुर लाइन आंधी में गड़बड़ हुई है कर्मचारियों को लगाकर सही कराया जा रहा है।
शाम तक सप्लाई शुरू हो सकती है। उधर अधिशाषी अभियंता एके चौधरी ने बताया कि पांचवां डिविजन तो हसनगंज बनाया गया लेकिन अभी तक कोई सरकारी सुविधाएं नहीं मिल पा रही है जिससे उपभोक्ताओं को दिक्कत उठानी पड़ रही है। 132 केवीए प्लांट का निर्माण शुरू हो गया है। इसके बनने के बाद ज्यादा फाल्ट होने की समस्या खत्म हो जायेगी।