उत्तर प्रदेश के तराई में बसे लखीमपुर खीरी की लोकसभा सीट खीरी 28 में लोकसभा चुनाव 2024 काफी रोमांचक होने वाला है पलिया, निघासन, गोला, श्रीनगर, लखीमपुर की विधान सभा सीटों को मिलाकर बनने वाली खीरी लोकसभा सीट में 2024 चुनाव के बाद जनता किसको लोकसभा सीट का सरताज बनाएगी ये तो नतीजे आने के बाद ही पता चलेगा लेकिन जहां एक ओर विपक्षी दलों का महागठबंधन होने के चलते एक तरफ भाजपा सरकार हो गई तो वहीं दूसरी तरफ सपा, कांग्रेस व अन्य तमाम पार्टियां एकजुट हो गई है जिससे 2024 लोकसभा चुनाव बीजेपी बनाम अन्य बन गया है। महागठबंधन होने के बाद सपा ने सबसे पहले अपने पत्ते खोलते हुए खीरी लोकसभा सीट से पूर्व में लखीमपुर विधान सभा सीट से रहे विधायक उत्कर्ष वर्मा को टिकट दिया है जिससे सपा से कांग्रेस में आए टिकट की उम्मीद में कद्दावर नेता रवि प्रकाश वर्मा व उनकी बेटी डॉ. पूर्वी वर्मा कांग्रेस उम्मीद वार प्रत्याशी की उम्मीदें धराशाही होती दिखाई दे रही है वही अन्य दलों के प्रत्याशी उम्मीदवारो की लिस्ट जारी होना बाकी है हालांकि सपा प्रत्याशी के मैदान में आने के बाद भाजपा को इसका फायदा होगा या नुकसान इस प्रकार की चर्चाएं सियासी जगत में होने लगी है।
विवादों से घिरे रहे टेनी पर क्या बीजेपी फिर जताएगी भरोसा?
पिछले दो बार लगातार पंचवर्षीय कार्यकाल पूरा करने व गृह राज्य मंत्री जैसे अहम पद पर रहने के बावजूद भी भाजपा अजय मिश्रा टेनी को फिर से अपना उम्मीदवार बनाएगी या नहीं यह लखीमपुर वासियों के लिए इंतजार का विषय बना हुआ है।
लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर खीरी सीट की बात करें तो वर्तमान में ये सीट भाजपा के कब्जे में है, यहां से अजय मिश्र टेनी का लगातार दूसरा कार्यकाल पूरा होने वाला है। अजय मिश्र टेनी मोदी सरकार में गृहराज्यमंत्री भी हैं। हालांकि इस बार अजय मिश्र टेनी पर भाजपा सरकार भरोसा जताएगी या नहीं? इस पर संशय बरकरार है।
तिकुनिया कांड का रह सकता है प्रभाव
3 अक्टूबर 2021 को तिकुनिया कांड के बाद से ही अजय मिश्र टेनी के टिकट कटने की चर्चाए शुरू हो गई थी जिसको लेकर विपक्षी दलों ने लगातार कई बार इस्तीफा देने की मांग भी की थी। इसके अलावा अन्य कई बार सार्वजनिक मंचों पर भाषण में विवादों से भरे बयानों को लेकर सुर्खियों में रह चुके हैं। वहीं दूसरी ओर गोला विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी नामौजूदगी भी चर्चा का विषय बनी रही थी।
खीरी में अभी तक 16 बार लोकसभा चुनाव में भाजपा रही मजबूत
लोकसभा के पिछले दो चुनावों पर नजर डालें तो भाजपा यहां काफी मजबूत मानी जा रही है। इस सीट पर कांग्रेस ने सबसे ज्यादा दिनों तक राज किया है। लखीमपुर सीट से सपा समेत अन्य पार्टियों को भी कई बार मौका मिल चुका है वही बसपा का कभी खाता नहीं खुला है।
खीरी सीट के अब तक के सांसद एक नजर में
1957 कुंवर खुश वंत राय उर्फ भैया लाल , प्रज्ञा सोशलिस्ट पार्टी
1962 बाल गोविंद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1967 बी वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1971 बाल गोविंद, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1977 एस बी शाह, भारतीय लोक दल
1980 बाल गोविंद वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1984 उषा कुमारी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1989 उषा वर्मा, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1991 गेंदन लाल कनौजिया, भारतीय जनता पार्टी
1996 गेंदन लाल कनौजिया, भारतीय जनता पार्टी
1998 रवि प्रकाश वर्मा, समाजवादी पार्टी
1999 रवि प्रकाश वर्मा, समाजवादी पार्टी
2004 रवि प्रकाश वर्मा, समाजवादी पार्टी
2009 जफर अली नकवी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
2014 अजय कुमार मिश्र टेनी, भारतीय जनता पार्टी
2019 अजय कुमार मिश्र टेनी, भारतीय जनता पार्टी