लोकसभा चुनाव अब अपने अंतिम दौर में चल रहा है और आखिरी दो चरण राजनीतिक दलों के लिए बेहद अहम है इस लिए वह अपनी पूरी ताकत अंतिम के दो चरण के चुनावी प्रचार में झोक रहे है. मगर 23 मई को आने वाले चुनाव नतीजों के साथ ही तय हो जाएगा कि किसके सिर जीत का ताज सजेगा और अगली सरकार किस पार्टी की बनेगी. हालांकि चुनाव नतीजों से पहले तमाम सियासी दल अपनी-अपनी जीत को लेकर लोगो से बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. इस बीच राज्यसभा सांसद और पूर्व सपा नेता अमर सिंह ने आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा की सीटों को लेकर एक बड़ी भविष्यवाणी की थी है. अमर सिंह ने एक न्यूज वेबसाइट को दिए गए अपने इंटरव्यू में सपा के अध्यक्ष अखिलेश यादव और संरक्षक मुलायम सिंह यादव को लेकर भी एक बड़ा दावा भी किया है.
इस बीच बताते चले राज्यसभा सांसद अमर सिंह अखिलेश पर निशाना साधते हुए कहा है कि समाजवादी पार्टी (सपा) के संस्थापक और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव जब भी उनसे मिलते हैं तो पकड़ कर रोने लगते हैं. उन्होंने इसके अलावा दावा किया कि मुलायम बेटे अखिलेश यादव के साथ मजबूरी में हैं. पार्टी से जिस तरह हम लोगों को निकाला गया, उनके साथ भी बेटे ने वही किया। पिता ने उन्हें कभी आसन दिया ही नहीं.
अकेले में मिलते ही रोने लगते हैं मुलायम सिंह यादवः अमर सिंह
अमर सिंह ने अपने इंटरव्यू में कहा कि मुलायम सिंह यादव की गद्दी उनके बेटे ने छीन ली है. मुलायम का हालिया चुनाव प्रचार महज एक दिखावा है. उन्हें सपा से ठीक वैसे ही निकाल दिया गया है जैसे हमें निकाला गया है. अमर सिंह के अनुसार, चूंकि अखिलेश, मुलायम सिंह यादव के सगे बेटे हैं, इसलिए मुलायम उन्हें छोड़ नहीं पा रहे हैं. लेकिन जैसे ही वे अकेले में मिलते हैं मुझे पकड़कर रोने लगते हैं.
रामपुर में की थीं कई सभाएं
राज्यसभा सांसद अमर सिंह दिल्ली के अस्पताल में इलाज कराने के बाद भाजपा उम्मीदवार जया प्रदा के प्रचार के लिए रामपुर गए थे। वहां उन्होंने कई सभाएं की थीं। अब एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि रामपुर में जया प्रदा जीत सकती हैं। आजम हार सकते हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जिसकी भी हार होगी, वह 10-15 हजार वोटों के अंतर से होगी। उन्होंने यह भी कहा की कि भाजपा को 200 या 282 सीटें मिलेंगी। आज राजनीति का स्तर काफी गिर गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दुर्योधन, जल्लाद और पता नहीं क्या-क्या बोला जा रहा है। वहीं, ममता बनर्जी कहती हैं कि वो पीएम को चांटा मारेंगी। लोकतंत्र में यह सही नहीं है।’