बुलंदशहर। प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद यूपी पुलिस ने क्राइम रोकने और बदमाशों पर लगाम कसने के लिए ताबड़तोड़ एनकाउंटर किए। जिसके बाद जहां एक तरफ पुलिस की वाह वाही हुई तो दूसरी तरफ बहुत से बदमाशों ने खौफ के चलते कोर्ट में सरेंडर भी किया। वहीं पिछले कुछ समय से यूपी पुलिस पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। वही अब एक नया कारनामा बुलंदशहर के खुर्जा से पुलिस का सामने आया है।
यहां अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद 13 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एक स्थानीय नागरिको से लूट का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों में 5 दरोगा भी शामिल हैं। ये सभी पुलिसकर्मी शहर के खुर्जा पुलिस स्टेशन में पोस्टेड हैं। दरअसल, ये पुलिसकर्मी एक धोबी से नाराज थे क्योंकि उसने इनसे अपना उधार क्लियर करने के लिए कह दिया था। पीड़िता का नाम मोहम्म मुस्तकीम है, जिसकी उम्र 40 साल। मुस्तकीम धोबी का काम करता है।
उधार के पैसे मांगने पर पुलिसवालों ने ना सिर्फ पीड़ित को गिरफ्तार किया बल्कि उसके घर में छापेमारी के बाद पीड़ित के ऊपर नशीले पदार्थों और हथियारों की तस्करी का आरोप भी लगाया। पुलिसकर्मियों ने पीड़ित के घर से दो मोटरसाइकिल और 84 हजार रुपए भी लिए। पुलिसवालों की ये हरकत पीड़ित के घर के पास लगे सीसीटीवी कैमरे में रिकॉर्ड हो गई।
13 police personnel from Bulandshahr including 5 sub-inspectors have been booked under section 395 of the Indian Penal Code for dacoity.
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) October 6, 2018
आरोपी पुलिसक्रमियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 395 के तहत डकैती का मामला दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ ये कार्रवाई कोर्ट के आदेश के बाद की गई है। पीड़ित के मुताबिक 8 सिंतबर को 15 पुलिसवालें सादे कपड़ों में मुस्तकीम के घर में घुसे और उसने ड्रग्स और हथियार के तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया।
पीड़ित की पत्नी का कहना है कि पुलिसवालों ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मुस्तकीम, जो हर महीने इनके कपड़े धोता था, उसने पुलिसवालों से उधार चुकता करने को कहा। उसने बताया कि मुस्तकीन की पुलिसवालों से उधार चुकता करने को लेकर बहस भी हुई थी। शायद इसलिए पुलिसकर्मी उसे निशाना बना रहे थे। उसी दिन पुलिस ने शाहवाज को भी पास के ही इलाके से गिरफ्तार किया था। पुलिसवालों का दावा था कि मुस्तकीन और शाहवाज को जीटी रोड से आधी रात को गिरफ्तार किया गया था, दोनों के पास से 700 ग्राम ड्रग्स और 10 हजार रुपए कैश मिले थे।
पुलिस पर लगा डकैती का आरोप
दरअसल, आरोप है कि बुलंदशहर के खुर्जा पुलिस ने गत 8 सितंबर को क्षेत्र के एक घर में दिनदहाड़े घुसकर 84 हज़ार रूपये की नकदी और दो बाइक लूटी। इसके साथ ही घर के एक युवक को भी पकड़कर ले गई। इसके बाद पुलिस ने युवक को एक मौहल्ले के ही अन्य लड़के साथ एक प्रेसवार्ता कर लुटेरा बना दिया और इनको रात में चेकिंग के दौरान पकड़ने का दावा किया। पुलिस द्वारा कहा गया था कि दोनों के पास से हथियार के साथ ही मादक पदार्थ भी बरामद किया। पुलिस ने पकडे गए अभियुक्तों से डेढ़ किलो ड्रग, दो देसी तमंचे, सहित 20 हजार नक़दी की भी बरामदगी दिखाई थी। जिसके बाद पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया। वहीं पकड़े गए युवकों के परिजनों ने जब कोर्ट का दरवाजा खटखटाया तो मामला कुछ और ही निकला और कोर्ट ने 12 पुलिसकर्मियों पर केज दर्ज करने के आदेश दे दिए।
जब कोर्ट पहुंचे परिजन तो हुआ बड़ा खुलासा
पीड़ित परिवार ने कोर्ट में एक सीसीटीवी फुटेज पेश की। जो 8 सितंबर की थी। इसे आधार मान कर कोर्ट ने पुलिस पर डकैती का मुकदमा कायम करने के आदेश किये है। पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस ने पकड़े गए मुस्तकीम को उसके घर से दबोचा था। आरोप है कि पुलिसकर्मी घर से लगभग 84 हज़ार रुपये और दो बाईक भी ले गए। इसके बाद पुलिस ने आठ सितंबर की रात्रि को क्षेत्र में चेकिंग के दौरान मुस्तकीम और उसके एक अन्य साथी शाहवाज के साथ गिरफ्तार करना दिखाया। इस दौरान इनके पास से दो देशी पिस्टल, दो तमंचे, 1400 ग्राम ड्रग्स, बीस हज़ार रुपए नकद व एक बाईक बरामद होना दिखाया गया।
जिसके बाद परिजन कोर्ट चले गए और पांच दारोगा और सात पुलिसकर्मी को नामजद करते हुए याचिका दायर की। याचिका में शिवप्रकाश, जबर सिंह, धर्मेंद्र शर्मा और संदीप, विपिन कुमार दरोगा को नामजद किया। साथ ही सात अन्य पुलिसकर्मी को भी नामजद किया। बीस सितम्बर को ये याचिका डाली गई और 25 सितंबर को कोर्ट के आदेश पर तीन अक्टूबर को खुर्जा थाना में तहरीर के आधार पर रिपोर्ट दर्ज की गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि मौहल्ले में लगे सीसीटीवी में साफ नजर आ रहा है कि कैसे पुलिसकर्मी घर में घुसे और फिर हमारी दो मोटरसाइकिल व बेटे को लेकर चले गए। जबकि पुलिस ने दावा किया था कि हमारे बेटे को रात में चेकिंग के दौरान लूट के केस में पकड़ा गया है।