भास्कर समाचार सेवा
हरिद्वार। व्यापारियों ने राजनीतिक दलों से व्यापार नीति आयोग के गठन को घोषणा पत्र में शामिल करने की मांग की है। साथ ही व्यापार नीति आयोग को घोषणा पत्र में शामिल नहीं किए जाने पर विधानसभा चुनाव में प्रत्याशी उतारने की चेतावनी भी दी है। व्यापारी नेता सुनील सेठी, संजीव चौधरी व मृदुल कौशिक ने प्रैस क्लब में पत्रकारों से वार्ता करते हुए कहा कि प्रत्येक आपदा में व्यापारियों को नुकसान झेलना पड़ता है। सबसे ज्यादा टैक्स व्यापारी देते हैं। सरकार बनाने में अहम भूमिका निभाने वाले व्यापारियों को सरकार से कोई मदद नहीं मिलती। इसलिए व्यापार नीति आयोग का गठन होना चाहिए। जिसमें आपदा की स्थिति में व्यापारी को प्रतिमाह वेतन देने की व्यवस्था की जाए। जिससे व्यापारी अपने परिवार का खर्च चला सकें। संजीव चौधरी ने कहा कि कोरोना के चलते लगाए गए लॉकडाउन में व्यापारियों को बेहद कठिनाईयों का सामना करना पड़ा।
व्यापारियों के बार बार मांग करने के बावजूद सरकार ने कोई मदद नहीं दी। मकर संक्रांति स्नान प्रतिबंधित होने से व्यापारियों पर फिर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। संजीव चौधरी ने कहा कि व्यापारियों पर दर्ज मुकदमे वापिस होने चाहिए व्यापारियों के लिए अगर सरकारें नही सोचेगी तो चुनाव में इसका जवाब व्यापारी देने के लिए तैयाए है। आगामी चुनाव मे राजनीतिक दल या तो व्यापारियों को भी प्रत्याशी बनाये अन्यथा विरोध झेलने के लिए तैयार रहे। मृदुल कौशिक ने कहा कि व्यापारी हर प्रकार से हताश है। लॉकडाउन के बाद से चल रही मंदी से अब तक व्यापारी उबर नहीं पाए हैं। अब नया संकट फिर उभर कर आ रहा है। सरकारों ने तब भी व्यापारियों की कोई सुध नही ली और अब भी सरकारों से कोई राहत की उम्मीद नही है। इसलिए अब बैठक बुलाकर कोई ठोस निर्णय लिया जाएगा। प्रैसवार्ता में मुख्य रूप से दीपक सोलंकी, नाथीराम सैनी, सुमित अरोड़ा, जितेंद्र चौरसिया, मयंक भट्ट, नावेद अंसारी उपस्थित रहे।