लखनऊ: पीजीआई के डेढ हजार आउटसोर्सिंग कर्मियों में आक्रोश,बढ़े मानदेय के अनुसार भुगतान करने की मांग

पीजीआई अस्पताल में गर्वनिंग बॉडी की बैठक के दौरान अस्पताल में कार्यरत तेरह  संवर्गों के आउटसोर्सिंग कर्मियों का सितंबर माह से मानदेय बढ़ाने की घोषणा की गयी थी और भुगतान की राशि भी इन कर्मचारियों को बतायी गयी थी।आरोप है कि पीजीआई के निदेशक आर के धीमान के निर्देश पर अगला आदेश आने तक बढ़े हुए मानदेय पर रोंक लगा दी गयी है। निदेशक के इस फैसले से तेरह संवर्गों के लगभग डेढ़ हजार कर्मचारियों में आक्रोश का माहौल है।आक्रोशित कर्मचारियों ने शुक्रवार को एकजुट होकर संस्थान प्रशासन पर नाराजगी जाहिर की और जमकर प्रदर्शन भी किया।प्रदर्शन के दौरान 

आउटसोर्सिंग कर्मियों ने बताया कि कोरोना जैसी महामारी में उन्होने अपनी जान जोखिम में डालकर दिन रात मरीजों की सेवा की लेकिन बीते चार वर्षों से उनका कोई मानदेय नहीं बढ़ाया गया है। इन तेरह संवर्गों में आने वाले लगभग डेढ़ हजार कर्मचारियों से लगातार संस्थान में भेदभाव किया जाता रहा है।

बीते एक अगस्त को गर्वनिंग बॉडी की बैठक में संस्थान में कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटर, पेशेंट हेल्पर, चालक, हाउस कीपर व अटेंडेंट जैसे तेरह संवर्ग के आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के मानदेय में बढ़ोतरी करने का ऐलान कर दिया गया था। यह भी कहा गया था कि सात सितंबर के बाद बढ़ा मानदेय आउटसोर्स कर्मचारियों को मिलना शुरू हो जाएगा। लेकिन निदेशक ने अगले आदेशों तक बढ़ा मानदेय देने पर रोक लगा दी है। यही नहीं इस बार सैलरी में पीएफ भी कम काटा गया। मौके पर पहुंचे प्रसाशनिक अधिकारियों ने एक सप्ताह के भीतर समस्याओं को हल करने का आश्वासन देकर कर्मचारियों को शांत करवाया वहीं 

इस मामले में निदेशक आरके धीमन से बात करने का प्रयास किया गया तो उनके असिस्टेंट ने निदेशक के व्यस्त होने की बात कह कर फोन काट दिया।आउटसोर्सिंग कर्मचारियों ने समाधान ना होने पर सत्रह सितंबर से विशाल आंदोलन की चेतावनी दी है।

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