लखनऊ : सत्याग्रह से पहले कांग्रेस के नेता हाउस अरेस्ट, आराधना मिश्रा, नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अन्य नेताओं को पुलिस ने रोका

लखनऊ । कांग्रेस विधानमंडल दल की नेता आराधना मिश्रा मोना और वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अन्य नेताओं को उनके घर में ही नजरबंद कर दिया गया है। नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ईडी के समन के खिलाफ पार्टी ने कार्यकर्ताओं से सोमवार को देशव्यापी सत्याग्रह का आह्वान किया था। इसके तहत पार्टी के नेता धरना देने के लिए घरों से बाहर निकलते, उससे पहले ही पुलिस ने उन्हें वहीं रोक दिया।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सत्याग्रह के मद्देनजर राजधानी लखनऊ में धारा 144 लागू किया गया है। पुलिस ने कांग्रेस को नोटिस भेजकर इससे अवगत भी कराया था। आराधना मिश्रा मोना ने आरोप लगाया कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग हो रहा है। ईडी ने राहुल गांधी को समन भेजा था। वह वहां पहुंच रहे थे। उनके साथ कांग्रेस कार्यकर्ता, पार्टी के वरिष्ठ नेता और सांसद जाना चाह रहे थे। उन्हें रोक दिया गया है। उत्तर प्रदेश और देश के सभी राज्य मुख्यालयों पर कांग्रेस ने सत्याग्रह का आह्वान किया था। हम शांतिपूर्वक सत्याग्रह करना चाहते थे, पर उत्तर प्रदेश की भाजपा सरकार ने अलोकतांत्रिक तरीके से कदम उठाया है। कांग्रेस के 12 से अधिक नेताओं को हाउस अरेस्ट किया गया है।

कांग्रेस विधायक मोना ने कहा कि तमाम कार्यकर्ता दूसरे जिलों से कांग्रेस के प्रदेश मुख्यालय पर पहुंचना चाह रहे थे। उनको भी नहीं आने दिया गया। हमें अपने पार्टी के प्रदेश कार्यालय तक नहीं जाने दिया जा रहा है। हम पूरी तरह से राज्य और केंद्र सरकार के इस कदम की निंदा करते हैं। इतना जरूर कहना चाहती हूं कि हम महात्मा गांधी के अनुयायी हैं। हम रुकने वाले नहीं हैं। पार्टी के वरिष्ठ प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने कहा कि योगी सरकार जोर जबरदस्ती कर रही है। हम शांतिपूर्ण आंदोलन करना चाहते हैं। यह सरकार लोकतंत्र की हत्या कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता इनसे डरने वाले नहीं हैं। हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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