दैनिक भास्कर ब्यूरो ,
नगरनिगम, लखनऊ। मुख्यमंत्री की जनहित गारंटी योजना में प्रथमिकता के तौर पर शामिल व्यक्तिगत संपत्तियों के नामांतरण प्रक्रिया को लेकर लखनऊ नगरनिगम को हाल ही में शासन स्तर से भले ही थूका फजीहत और बेइज्जती झेलनी पड़ी हो लेकिन बेशर्मी ओढ चुके नगरनिगम के कर्मचारियों पर इसका कोई खास असर देखने को नहीं मिला।ऊपर बैठे अधिकारियों के आदेशों को अनदेखा करने वाले कर्मचारियों के नकेल डालने और दुरुस्त करने में विभाग पूरी तरह फेलियर साबित हो रहा है।
ऐसा ही ताजा मामला जोन आठ,सात,तीन और एक का है जहाँ नगर स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा बीती 17 अक्टूबर को चार सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों को स्थानांतरित करने का आदेश दिया गया था लेकिन स्थानांतरित किये गए निरीक्षक दो सप्ताह बीतने के बाद भी अपनी मलाईदार पुरानी जगह छोड़ कर नये जोन का चार्ज लेने से कतरा रहे हैं।
नगर स्वास्थ्य अधिकारी के द्वारा चार सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों को दूसरे जोन पर तत्काल प्रभाव से चार्ज लेने का आदेश दिया गया था लेकिन अधिकारी आदेश को अनदेखा कर आज भी पुरानी जगह जमा हुए हैं।ट्रान्सफर किये गए सफाई एवं खाद्य निरीक्षकों में वीरभद्र सिंह को जोन एक से आठ,मो० नईम को जोन आठ से तीन और जोन तीन से पुष्कर सिंह पटेल को जोन एक व सत्येंद्र नाथ को जोन सात भेजा गया था।जोन एक से जोन आठ स्थानांतरित होकर आए वीरभद्र सिंह को मो० नईम ने अभी तक चार्ज नहीं दिया है उन्हें चार्ज लेने के लिये रोजाना जोन दफ्तर के चक्कर लगाने पड़ रहे हैं वहीं पुष्कर सिंह पटेल और सत्येंद्र नाथ आज भी जोन तीन को छोड़ने के लिये तैयार नहीं है।
नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को भी बीते शुक्रवार को इस मामले की सूचना दी गई थी लेकिन नगर आयुक्त की गंभीरता का भी कोई असर इन अधिकारियों पर पड़ता नहीं दिखाई पड़ रहा है।
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