लखनऊ। भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) लखनऊ इकतीस जनवरी से तीन फरवरी के दौरान “खाद्य सुरक्षा के लिए पौधों का स्वास्थ्य खतरे और वादे” बिषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। यह कार्यक्रम भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान द्वारा इंडियन फाइटोपैथोलॉजिकल सोसाइटी नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है और इसका उद्देश्य पादप रोगविज्ञान में वर्तमान प्रगति पर चर्चा करने के लिए देश भर के शोधकर्ताओं,चिकित्सकों,छात्रों,गैर सरकारी संगठनों और कृषकों सहित पांच सौ से अधिक प्रतिनिधियों को एक साथ एक मंच पर लाना है।
मंगलवार को आयोजित प्रेस वार्ता के दौरान संस्थान के निदेशक डा० आर विश्वनाथन,प्रधान वैज्ञानिक एवं चेयरमैन प्रेस एण्ड मीडिया संगीता श्रीवास्तव, कार्यक्रम के आर्गेनाइजिंग सेक्रेटरी डा० दिनेश सिंह,वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी अभिषेक सिंह व प्रवक्ता संजय गोस्वामी मौजूद रहे।निदेशक डा० आर विश्वनाथन ने बताया कि सम्मेलन में मुख्य एवं सत्र भाषण, मौखिक प्रस्तुतियाँ और पादप विकृति विज्ञान के महत्वपूर्ण मुद्दों पर पोस्टर सत्र शामिल होंगे, जिनमें उभरते हुए पादप रोग, मेजबान पादप प्रतिरोध, नवीन रोग प्रबंधन रणनीतियाँ, नवीन निदान उपकरण, जलवायु परिवर्तन प्रभाव और टिकाऊ कृषि शामिल हैं।
यह आयोजन पादप संरक्षण, चुनौतियों और अवसरों पर विचारों के आदान-प्रदान और शोध निष्कर्षों के प्रसार के लिए एक मंच प्रदान करेगा। सम्मेलन पौधों की सुरक्षा में हाल की प्रगति और अवसरों को प्रस्तुत करने, चर्चा करने और प्रसारित करने, अकादमिक और व्यावसायिक विकास को बढ़ावा देने, विशेष रूप से स्थायी फसल उत्पादन एवं खाद्य सुरक्षा पर नई उभरती बीमारियों के खतरे के कारण मौजूदा चुनौतियों का समाधान करने के लिए अभिनव अनुसंधान समाधानों को उजागर करने का एक शानदार अवसर प्रदान करेगा। इसके अतिरिक्त यह सम्मेलन प्रतिभागियों, उद्योग भागीदारों और हितधारकों के लिए नेटवर्किंग, सहयोग और जुड़ाव के अवसर भी प्रदान करेगा।