लखनऊ। राजधानी लखनऊ के बीकेटी थाना क्षेत्र में एक एमबीए की छात्रा का अपहरण कर हरदोई में बलात्कार किये जाने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है। पीड़िता के परिजनों ने अपहरण की सूचना 100 नंबर डॉयल करके पुलिस को दी तो पुलिस महकमें में हड़कंप मच गया। पीड़िता के परिजनों ने उसकी तलाश की तो आरोपी सुबह तड़के उसे गांव के बाहर छोड़ गया। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उनकी बेटी का मेडिकल परीक्षण तक नहीं कराया। आरोप है कि पुलिस ने लोक लाज भय दिखाकर डराया धमकाया और छात्रा के कलमबंद बयान दर्ज कर लिया।
पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि बीकेटी थाने की पुलिस ने आरोपी के घरवालों के साठगांठ करके करीब ढाई लाख रुपये ले लिए हैं इसके चलते आरोपी पर गंभीर धाराएं नहीं लगाई गईं। इस संबंध में थाना प्रभारी बीकेटी अमरनाथ वर्मा ने बताया कि इस मामले में धारा 363 आईपीसी में मुकदमा दर्ज कर आरोपी को जेल भेज दिया गया। उन्होंने बताया कि पुलिस का काम पीड़िता को मेडिकल के लिए भेजने का है मेडिकल करने का नहीं है। ग्रामीणों की जुबान पर ये सवाल है कि इतने गंभीर मामले में पुलिस धारा 376, एससी/एसटी और पॉक्सो एक्ट के तहत मुकदमा क्यों नहीं पंजीकृत किया। पुलिस पर आरोप ये भी है कि इतने गंभीर मामले में पुलिस ने बड़ी लापरवाही दिखाई। आरोप है पुलिस आरोपी पक्ष के साथ मिली हुई है। फिलहाल पुलिस इस पूरे मामले की तफ्तीश कर आगे की कार्रवाई करने में जुटी है।
पुलिस पर बदनामी का डर दिखाकर धमकाने का आरोप
जानकारी के मुताबिक, मामला बीकेटी थाना क्षेत्र के एक गांव का है। यहां की रहने वाली एक अनुसूचित जाति की छात्रा क्षेत्र के एक निजी कॉलेज में एमबीए द्वितीय वर्ष की छात्रा है। पीड़िता का आरोप है कि पिछली 8 सितंबर को वह सुबह घर से कॉलेज पढ़ने के लिए गई थी। तभी गांव का ही रहने वाला सुमित वर्मा पुत्र शिवकुमार उर्फ छोटे उसे अपने दोस्तों के साथ बहाने से हरदोई अपने मौसा के घर लेकर पहुंचा। आरोप है कि यहां सुमित ने छात्रा के साथ रात में दुष्कर्म किया। इधर छात्रा के शाम तक घर ना पहुँचने के कारण परिजन बेचैन हो गए तो उन्होंने पुलिस को अपहरण की सूचना दी। पुलिस ने तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया। उधर एफआईआर की जानकारी जब आरोपी को लगी तो वह सुबह तड़के ही छात्रा को गांव के बाहर छोड़ गया। पीड़िता के घरवाले जब थाने पहुंचे तो पुलिस ने आरोपी को हिरासत में ले लिया।
सालों से प्रेमप्रसंग की घटना बनी चर्चा का विषय
पीड़िता का आरोप है कि पुलिस ने उसे बदनामी का भय दिखाया। पीड़िता ने अपने बयान में कहा है कि पुलिस ने उससे कहा कि तुम्हारे बयान से आरोपी के खिलाफ संगीन धाराएं लग जाएँगी और वह कई साल के लिए जेल चला जायेगा। आरोप ये भी है कि पीड़िता को पुलिस ने धमकाया और चार दिन तक बयान नहीं कराये। इसके बाद पुलिस ने पीड़िता के कलमबंद बयान दर्ज करवाए। पीड़िता के परिजनों का आरोप है कि पुलिस ने उसका मेडिकल इसलिए नहीं कराया कि आरोपी के विरुद्ध संगीन धाराएं ना लग पाएं क्योंकि पुलिस ने आरोपी पक्ष की तरफ से मिलकर अपनी जेब गरम कर ली है। हालांकि इन आरोपों में कितनी सच्चाई है ये जांच का विषय है। मामला मीडिया के संज्ञान में आने के बाद पुलिस ने आनन-फानन में आरोपी को जेल भेज दिया। ग्रामीणों की माने तो पीड़िता और आरोपी का पिछले डेढ़ या दो साल से प्रेम प्रसंग चल रहा है। सूत्रों के अनुसार पीड़िता आरोपी के साथ रहना चाहती है उसने अपने बयान में मजिस्ट्रेट के समक्ष भी ये बात कही है। लेकिन नीची जाति का होने के कारण युवती का प्रेमी उसे अपने साथ नहीं रखना चाहता है। इस घटना ने गांव में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं।