
भारत में महिला आतंकी विंग बनाने का जिम्मा संभाले थी गद्दार डॉ. शाहीन….
जीएसवीएम में डाक्टर थी आतंकी की गर्लफ्रेंड
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– जैश-ए-मोहम्मद मुखिया मसूद अजहर की बहन सहीदा से संपर्क था
– शाहीन की गिरफ्तारी से ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का भी राजफाश
कानपुर। लाल किले के करीब आतंकी धमाके के बाद आतंकियों की धरपकड़ के बाद कानपुर कनेक्शन का पर्दाफाश हुआ है। किसी वक्त कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज में बतौर डॉक्टर सेवाएं देने वाली डॉ. शाहीन आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की महिला विंग की चीफ निकली। देश की गद्दार शाहीन जैश के जमात उल मोमिनात संगठन से भी जुड़ी हुई थी। उसे भारत में आतंकियों की महिला विंग बनाने का जिम्मा सौंपा गया था। महिलाओं को आतंकी हरकतों का हिस्सा बनाने के लिए ब्रेन-वॉश और ट्रेनिंग के लिए शाहीन जैश-ए-मोहम्मद मुखिया मसूद अजहर की बहन सहीदा के साथ सीधे संपर्क में थी।
आतंकी डॉ. मुजम्मिल के साथ नजदीकी रिश्ते
दिल्ली धमाके के बाद गिरफ्तार आतंकी डॉ. मुजम्मिल के साथ डॉ. शाहीन के नजदीकी रिश्तों का खुलासा हुआ है। लखनऊ की मूल निवासी डॉ. शाहीन फिलवक्त फरीदाबाद की अलफलाह यूनिवर्सिटी में नियुक्त है। आतंकी संगठन से जुड़े डॉ. मुजम्मिल से पूछताछ के बाद जम्मू-कश्मीर पुलिस ने फरीदाबाद से शाहीन को गिरफ्तार किया तो उसने आतंकियों के साथ रिश्तों को कबूल किया है। पुलिस के मुताबिक, शाहीन ने अपनी कार में एके-47 को छिपाने के लिए मुजम्मिल को इजाजत दी थी। जांच में पता चला कि शाहीन भी दिल्ली विस्फोट को अंजाम देने वाले आतंकी नेटवर्क का हिस्सा है। शाहीन ने स्वीकार किया है कि, वह और मुजम्मिल काफी समय से एक-दूसरे के साथ नजदीकी रिश्ते में बगैर निकाह बंधे हैं।
महिला आतंकी विंग बनाने का जिम्मा
जांच एजेंसियों की सख्त पूछताछ में सामने आया है कि, शाहीन बीते कई बरस से जैश-ए-मोहम्मद के मुखिया मसूद अजहर की बहन सहीदा अजहर के साथ लगातार संपर्क में थी। मसूद ने अपनी बहन के जरिए शाहीन को भारत में जैश की महिला विंग की चीफ बनाकर महिला आतंक ब्रिगेड बनाने की जिम्मेदारी सौंपी थी। शाहीन की गिरफ्तारी के बाद से देश में ‘सफेदपोश’ आतंकी मॉड्यूल का भी राजफाश हुआ है। जांच में सामने आया है कि लेडी डॉक्टर शाहीन बीते कई साल से जैश की महिला विंग जमात उल मोमीनात की इंडिया हेड का जिम्मा संभाले थी। दावा है कि उसका टारगेट था कि भारत में महिलाओं को ज्यादा से ज्यादा आतंकी ग्रुप में जोड़ा जाए।
वर्ष 2013 में मेडिकल कालेज से बर्खास्त
डॉ. शाहीन के कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कालेज से रिश्तों की बात उजागर होते ही मेडिकल कालेज के प्रोफेसर और स्टाफ स्तब्ध हैं। रिकार्ड के मुताबिक, डॉ. शाहीन सईद ने प्रयागराज से एमबीबीएस किया, इसके बाद वर्ष 2006 में पब्लिक सर्विस कमीशन से चयन होने के बाद कानपुर मेडिकल कालेज में नियुक्ति मिल गई थी। नौकरी के दौरान वर्ष 2009 से 2010 के दरमियान छह महीने के लिए कन्नौज में तैनाती रही, फिर से वापस ट्रांसफर होकर कानपुर मेडिकल कालेज आ गई। मेडिकल कालेज के फार्माकोलाजी विभाग में प्रवक्ता शाहीन बिना सूचना के जीएसवीएम से वर्ष 2013 में लापता हो गई थी। लंबे समय तक कोई अता-पता नहीं चला तो कॉलेज प्रशासन ने शासन को रिपोर्ट भेजी। जांच और नोटिस के बाद वर्ष 2021 में शासन ने उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया था। उस दौरान भी उसका आधिकारिक पता लखनऊ का दर्ज था। उसने अपने अंतिम पत्राचार में “केयर ऑफ डॉक्टर परवेज सईद” लिखा था, जो इंटीग्रल यूनिवर्सिटी के मेडिसिन विभाग में असिस्टेंट प्रोफेसर हैं। शाहीन के शौहर डॉ जफर सईद नेत्र रोग विभाग के डॉक्टर है। कानपुर में तैनाती के दौरान शाहीन मेडिकल कालेज परिसर में एल.ब्लाक के 29 नंबर क्वार्टर में रहती थी।
एटीएस ने कानपुर में खंगाले पुराने रिकॉर्ड
डॉ. शाहीन का कानपुर से संबंध सामने आने के बाद एटीएस की टीम कानपुर भी पहुंची है। टीम ने जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज से उनके नियुक्ति, सेवा और व्यक्तिगत विवरण से जुड़े सारे दस्तावेज खंगाले। कॉलेज प्रशासन ने उनकी फाइल में दर्ज लखनऊ के पते और पुराने पत्राचार की कॉपी जांच टीम को सौंपी है। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने में जुटी हैं कि डॉक्टर शाहीन के कानपुर में रहने के दौरान किसी आतंकी संगठन से संपर्क तो नहीं था। कॉलेज के लोग यह जानकर हैरान हैं कि कभी लेक्चर देने वाली शाहीन ऐसे गंभीर मामले में शामिल मिली है। मेडिकल कॉलेज के कुछ स्टाफ सदस्यों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि डॉ. शाहीन के निजी जीवन में भी काफी तनाव था। उनका अपने पति जफर हयात से अक्सर झगड़ा होता था। अंततः वर्ष 2015 में दोनों का तलाक हो गया था। इसके बाद वह कानपुर और लखनऊ दोनों जगह से गायब हो गई। कॉलेज में उनका व्यवहार सामान्य था, लेकिन वह अपने निजी जीवन को लेकर बहुत चुप रहती थी।













