लखनऊ। उत्तर प्रदेश पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने फर्जी आईएएस अधिकारी (मुख्य सचिव) बनकर गाजियाबाद के नगर आयुक्त को फोन कर टेंण्डर दिलाने के लिए उनसे मिलने आये दो लोगों को गिरफ्तार कर किया है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक सिंह ने सोमवार को यहां यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि को एसटीएफ के साइबर क्राइम नोएडा पुलिस को फर्जी आईएएस अधिकारी (मुख्य सचिव) बनकर गाजियाबाद के नगर आयुक्त को फोन से बात कर उनसे मिलने अाये महानगर लखनऊ निवासी सऊद खाॅ और बागपत के टटीरी कस्बा निवासी नितिन कुमार को गिरफ्तार किया है । उनके कब्जे से तीन कीमती मोबाईल फोन, दो कार बरामद की हैं।
उन्होंने बताया कि गत 30 नवम्बर और सात दिसम्बर को गाजियाबाद के नगर आयुक्त के सीयूजी के नम्बर पर फोन करके बताया कि लखनऊ सचिवालय के नम्बर से मुख्य सचिव बनकर फोन किया गया तथा नगर आयुक्त गाजियाबाद को कहा गया कि अपने क्षेत्र के यूनिपोल, होल्डिंग, वैध/अवैध पार्किंग के ठेके अरविन्द पाण्डे को दे दो। अरविन्द पाण्डे तुम से आकर मिलेगें। जो कहा गया है उसे कर के बताइए।
सिंह ने बताया कि फोन पर संदेह होने पर नगर आयुक्त ने मुख्य सचिव के स्टाफ अफसर से फोन के सम्बन्ध में जानकारी की तो उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव कार्यालय से इस प्रकार का कोई फोन नहीं किया गया है। उसके बाद नगर आयुक्त ने नोएडा स्थित साइबर क्राइम थाने पर 11 दिसम्बर को अज्ञात लोगों के खिलाफ 420 और आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया।
उन्होंने बताया कि मामला दर्ज होने पर फर्जी आईएएस की गिरफ्तारी के सम्बन्ध में उन्होंने एसटीएफ एवं पुलिस अधीक्षक साइबर सुशील घुले ने इन आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए साइबर सेल के पुलिस उपाधीक्षक विवेक रंजन राय को निर्देशित किया गया था, जिसके अनुपालन में विवेक रंजन राय के पर्यवेक्षण में एसटीएफ के साइबर क्राइम, गौतमबुद्धनगर की एक टीम गठित कर सूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी।
सिंह ने बताया कि पकड़े गये साऊद खाॅ और नितिन कुमार ने बताया कि उन दोनो ने फ्रैण्ड्स स्टोन क्रेंशिंग कम्पनी के मालिकों को नगर निगम गाजियाबाद से मलबा उठाने का टेण्डर दिलाने के नाम पर 10 लाख
रुपयें तय किये थे, जिसमें इन्होने सचिवालय लखनऊ के नाम से लैंडलाइन नम्बर 05222238212 से नगर आयुक्त गाजियाबाद को फर्जी तरीके से मुख्य सचिव बनकर उपरोक्त टेण्डर दिलाने के लिए फोन कराया था। ये दोनो सात दिसम्बर को नगर आयुक्त से गाजियाबाद मिलने गये थेे, जिनमें साऊद खाॅ गाड़ी में बाहर बैठा रहा आैर नितिन कुमार स्वयं को अरविंद पाण्डेय बताकर नगर आयुक्त से मिला था। इस सारे षडयंत्र में इन दोनों के साथ संतोष त्रिपाठी भी शामिल है, जिसकी गिरफ्तारी के प्रयास किये जा रहे है।
उन्होंने बताया कि गिरफ्तार सऊद खाँ के विरूद्ध हजरतगंज,लखनऊ में एक मुकदमा पहले से ही दर्ज है। दोनों गिरफ्तार लोगों को साइबर थाने में दाखिल करा दिया गया है। अगली कार्रवाई स्थानीय पुलिस करेगी ।
सीबीआई में नौकरी लगवाने के नाम पर ठगी करने वाला गिरोह का सरगना गिरफ़्तार
शामली उत्तर प्रदेश की शामली पुलिस ने खुद को केन्द्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का ऑफिसर बताकर विभाग में नौकरी लगवाने के नाम पर लाखों रुपये की ठगी करने वाले गिरोह सरगना को सोमवार को आर्दश मण्डी पुलिस ने गिरफ़्तार कर लिया।
पुलिस अधीक्षक अजय कुमार पाण्डेय ने यहां यह जानकारी दी । उन्होंने बताया कि करनाल (हरियाणा) निवासी 50 वर्षीय इस ठग ने अपना नाम नरेश बताया है । यह शामली के कई लोगों को सीबीआई में लीपिक के पद पर नौकरी लगाने के नाम पर उनसे दस लाख रूपये से अधिक की गठी कर चुका है। करनाल में भी इसके खिलाफ इसी तरह के कई मामले दर्ज हैं ।
उन्होंने बताया कि यह ठग इसके खिलाफ शिकायत मिलने पर इस की गिरफ्तारी के लिए आर्दशनगर मण्डी पुलिस की विशेष टीम लगाई गई थी। इस ठग के क़ब्ज़े से नक़द के अलावा कई एटीएम कार्ड, पीड़ितों के शैक्षणिक प्रमाण पत्र इत्यादि बरामद हुए हैं। पुलिस इसके अन्य साथियों के बारे में पता लगा रही है।