Maha Kumbh 2025: क्या है संगम नोज? महाकुंभ में जहां मची भगदड़, जानिए इसके बारे में…

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ में 28-29 जनवरी की मध्यरात्रि के दौरान हुई ‘भगदड़’ में कई लोग हताहत हुए हैं जबकि कई अन्य लोग घायल हैं। इस भगदड़ के पीछे सबसे बड़ी वजह संगम नोज़ पर डुबकी लगाने के लिए पहुंचाने की कोशिश कर रहे लोगों की भारी भीड़ बनी है। कुंभ मेला प्राधिकरण की विशेष कार्याधिकारी ने बताया था कि संगम नोज़ पर बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इस भगदड़ के बाद ‘X’ पर एक पोस्ट में लोगों से अपील करते हुए कहा, “मां गंगा के जिस घाट के आप समीप हैं। वहीं स्नान करें, संगम नोज़ की ओर जाने का प्रयास न करें।”

क्या है संगम नोज़?

संगम नोज़ पर स्नान करने को हिंदुओं के लिए धार्मिक दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिंदू धर्म में माना जाता है कि संगम नोज़ पर स्नान करने वालों को मोक्ष की प्राप्ति होती है जिसके चलते लोग बड़ी संख्या में वहां पहुंचना चाहते हैं। यह वह स्थान है जहां पर गंगा, यमुना और मिथकीय नदी सरस्वती आपस में मिलते हैं। इस स्थान पर नदियों का संगम होता है और यहां पर स्नान करने के लिए श्रद्धालुओं की भारी भीड़ जमा होती है। नागा साधुओं से लेकर विभिन्न अखाड़ों के संत और आध्यात्मिक नेता भी इसी जगह पर डुबकी लगाकर अमृत स्नान करते हैं। इस स्थान को कुंभ क्षेत्र में संगम घाट के तौर पर चिह्नित किया गया है और यहां यमुना का नीला पानी, गंगा के मटमैले पानी में मिल जाता है। यह आकर यमुना नदी समाप्त हो जाती है।

योगी सरकार के एक प्रवक्ता के मुताबिक, सिंचाई विभाग की मेकेनिकल ब्रांच ने 85 दिनों में संगम त्रिवेणी क्षेत्र का 2 हेक्टेयर से अधिक विस्तार किया था। संगम नोज़ के इस विस्तार के बाद वहां स्नान करने वाले लोगों की संख्या बढ़कर हर घंटे 2 लाख तक पहुंच गई थी जबकि 2019 में यह संख्या 50,000 तक ही थी। संगम नोज़ में स्नान करने के लिए इसे तीन तरफ से सुलभ बनाया गया था और वहां आने वाली श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए 1650 मीटर के एरिया में रेत की बोरियां बिछाकर इस क्षेत्र को बढ़ाया गया था।

महाकुंभ के स्नान क्षेत्र में 12 किलोमीटर के इलाके में 44 घाट बनाए गए हैं। यहां तक पहुंचने के लिए 32 मार्ग हैं जिन पर बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही, सैकड़ों पार्किंग स्थल समेत सरकार ने तमाम तरह की व्यवस्थाएं की हैं लेकिन इस भगदड़ के बाद व्यवस्थाओं पर तमाम तरह के सवाल उठ रहे हैं।

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