महाकुंभ में देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को इस बार स्पेशल प्रसाद मिलने जा रहा है। सीएम योगी के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की विशेष मुहिम शुरू होने जा रही है, जिसका लाभ सभी श्रद्धालुओं को मिलेगा।
दरअसल, यहां सर्वाधिक मान्यता और पौराणिकता वाले मंदिरों में से एक लेटे हुए हनुमान मंदिर (बड़े हनुमान मंदिर) का महाप्रसाद इस बार महाकुम्भ में आने वाले भक्तों को भेंट करने की योजना बनाई गई है। यही नहीं, बाघम्बरी गद्दी और वन विभाग देश के सभी शंकराचार्यों को महाकुम्भनगर से निशानी के तौर पर चंदन और रुद्राक्ष के पौधे भी भेंट करने जा रहे हैं।
हरित वन के रूप में निखर रहा तीर्थराजउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुम्भनगर के प्रमुख चौराहों के साथ-साथ यहां आने वाले प्रमुख राजमार्गों को भी प्राकृतिक रूप से सजाने संवारने का काम चल रहा है।
डीएफओ प्रयागराज अरविंद कुमार यादव बताते हैं कि मुख्यमंत्री योगी की मंशा के अनुरूप इस बार के महाकुम्भ को दिव्य, नव्य और भव्य बनाने की तैयारी चल रही है। इसके तहत कुल 1,49,620 पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। जिसमें 1,37,964 पौधे अभी तक लगाए भी जा चुके हैं। दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री से सम्मानित सबसे कम उम्र के गंगा सेवक पर्यावरणविद् मानस चिरविजय सांकृत्त्यायन के अनुसार महाकुम्भ में भक्तों को लेटे हुए हनुमान मंदिर से महाप्रसाद के रूप में सप्त ऋषि वन के पौधे भेंट करने की तैयारी है।
कुछ अलग करने का फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वन एवं पर्यावरण मंत्रालय ने विशेष मुहिम शुरू की है। जिसमें बाघम्बरी गद्दी और वन विभाग मिलकर काम कर रहे हैं। लेटे हुए हनुमान मंदिर, संगम तट, प्रयागराज के महंत एवं श्रीमठ बाघम्बरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी महराज ने इस बार देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रसाद के रूप में विशेष तोहफा देने की योजना बनाई है। मंदिर का विशेष पौराणिक महत्व एवं श्रद्धालुओं के विशेष लगाव के कारण मंदिर की ओर से इस बार कुछ अलग करने का फैसला किया गया है। देश विदेश से आने वाले लोगों का उत्साह देखकर यह निर्णय लिया गया है।
महाकुम्भ बनेगा भव्यता का उदाहरणप्रयागराज में वन विभाग के आईटी हेड आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी दुनिया के इस सबसे बड़े सांस्कृतिक समागम को अविस्मरणीय बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने विशेष रूप से निर्देश जारी किए हैं। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा है कि श्रद्धालुओं के लिए हर प्रकार की दिव्य और भव्य व्यवस्था की जाए। ताकि आने वाले समय में महाकुम्भ सभी के लिए एक उदाहरण बनकर उभरे।