भास्कर व्यूरो
सोनौली/महाराजगंज। नेपाल में पहली बार अफ्रीकन स्वाइन फीवर नाम का वायरस सामने आया है। ललितपुर के कागेश्वरी मनहारा, कीर्तिपुर, चंद्रगिरि, टोखा, दक्षिणकाली, गोदावरी नगर पालिका-12 और भक्तपुर के चंगुनारायण क्षेत्र में अब तक कुल 1,019 सुअरों की इस से मौत हो चुकी है।यह एक बर्ड फ्लू जैसा वायरस है, जो पालतू सुअरों, मर्मोट्स और जंगली सुअर की प्रजातियों में पाया जाता है। यह रोग जानवरों से मनुष्यों में नहीं फैलता है।
रोग के लक्षणों में तेज बुखार, कान के बाहर की त्वचा का लाल होना, पूंछ और पेट के निचले हिस्से, शरीर पर नीले धब्बे और भूख न लगना शामिल हैं। पशु चिकित्सा सेवा विभाग के अनुसार एक ही समय में उल्टी, छींक, बिखराव और झुंड में बड़ी संख्या में मौतें होती हैं। विभाग के अनुसार यह उच्च मृत्यु दर के साथ एक अत्यधिक संक्रामक महामारी है। विभाग ने अपील की है कि इस बीमारी से मरने वाले जानवरों का मांस न खाएं।
पशु चिकित्सा सेवा के महानिदेशक डॉ. राम नंदन तिवारी ने कहा कि इस बीमारी का कोई प्रभावी इलाज नहीं है, क्योंकि अभी तक कोई टीका उपलब्ध नहीं है। उनके अनुसार यह रोग जल्दी से फैल सकता है, क्योंकि बीमार सुअर या उनकी संतान, मांस या बीमार जानवरों के संपर्क में आने वाली वस्तुओं को आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है।
2018 में पहली बार चीन में दिखी थी बीमारी अफ्रीकी महाद्वीप तक सीमित यह बीमारी पहली बार 2018 में चीन में सामने आई थी। बाद में यह भारत और भूटान में भी सामने आई थी।