महराजगंज: साहब! किस चश्मे से देखते हैं, आज भी विकास की बाट जोह रहा गबडुआ

  • विकास के मामले में अभी भी शुन्य हैं नपा का बीर अब्दुल हमीद नगर
  • विकास के दावो की पोल खोलती टूटी सड़के व जाम नालियां

महराजगंज। तकरीबन पांच साल होने को है। विकास के मामले में बेहद कंगाल है।जबकि नगरपालिका महराजगंज का सार्वधिक जनसंख्या वाला वार्ड गबडुआ चर्चाओं में शुमार है। बावजूद विकास के लिए नेताओं और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों के उपेक्षा शिकार हो गया है। जबकि जिले के 28 ग्राम पंचायतों के साथ 31 मार्च 2020 को नगरपालिका में सम्मिलित हुआ।

लोगों को उम्मीद जगी कि अब इस गांव का चहुंमुखी विकास होगा। मकान बनेंगे और रोजगार भी मिलेगा। बिजली की रोशनी से सड़के व गलियां जगमगा उठेंगी।शहर की हर सुविधाएं मयस्सर होगी, लेकिन शहर में शामिल होने के बाद भी यहां के लोगो अभी भी विकास के लिए तरस रहे हैं।चार साल से अधिक समय गुजर गए। लेकिन नगरपालिका प्रशासन द्वारा न ही कोई योजना बनाई गई है। गंदगी से जाम नालियां, टूटी हुई सड़कें इस बीर अब्दुल हमीद नगर की पहचान बन गई है।

दैनिक भास्कर की टीम ने आदर्श नगरपालिका परिषद महराजगंज में शामिल धनेवा धनेई टोला गबडुआ की पड़ताल की। टूटी हुई सड़कें, नालियों में बिखरे कूड़े का अंबार चहुंओर दिखें। गांव के मुहम्मद समीम,सहद अली और फखरूद्दीन ने बताया कि पहले एक गांव था तो हर सुविधाएं मिलती थी। मकान व शौचालय बनता था। मनरेगा में रोजगार मिलता था। नालियां साफ होती थी। सड़कों की मरम्मत कराई जाती थी। गांव की विकास के लिए बजट भी मिलता था, लेकिन अब यह सब गुजरे जमाने की बात हो गई है।

केवल हम वार्ड रहते हैं, लेकिन शहर में रहने का तनिक भी एहसास नहीं होता। पहले यह गांव धनेवा-धनेई का टोला गबडुआ के नाम से जाना जाता था। लेकिन अब इसका नाम बदलकर बीर अब्दुल हमीद नगर वार्ड रख दिया गया। यहां करीब 4 हजार मतदाता हैं, लेकिन नगरपालिका द्वारा यहां अभी तक कोई विकास कार्य नहीं कराया गया ‌सभासद प्रतिनिधि रूहुल्लाह खान ने बताया कि वार्ड के जनसुविधाओं के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है।

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