महाराष्ट्र सरकार ने मंगलवार को एक अहम फैसला लिया। इस फैसले के तहत उन हजारों लोगों को राहत मिलेगी, जो बेवजह कानूनी पचड़े में फंस गए थे। दरअसल कोरोना महामारी के चलते लॉकडाउन जैसा कड़े कदम उठाए गए थे। ऐसे में जिन लोगों ने लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया था, उनके खिलाफ केस दर्ज हुए थे।
State Home Dept has decided to withdraw all cases filed under IPC 188 during lockdown against students, citizens for violation of lockdown order. Once the decision is approved by the Cabinet, the process of withdrawal of cases will start: Maharashtra Home Minister Dilip W Patil pic.twitter.com/tCHCgeyEqv
— ANI (@ANI) March 29, 2022
आईपीसी 188 के तहत दर्ज थे केस
अब सरकार ने फैसला लिया है कि लॉकडाउन के उल्लंघन को लेकर दर्ज किए गए सभी केस वापस लिए जाएंगे। राज्य के गृह विभाग ने लॉकडाउन के दौरान नियमों का उल्लंघन करने पर आईपीसी 188 के तहत स्टूडेंट्स और अन्य लोगों पर दर्ज सभी मुकदमों को वापस लेने का फैसला किया है।
महाराष्ट्र सरकार ने दी हजारों लोगों राहत
महाराष्ट्र सरकार ने हजारों लोगों राहत देने वाला फैसला ले तो लिया है, लेकिन अभी इस पर अंतिम मुहर लगना बाकी है। महाराष्ट्र के गृह मंत्री दिलीप डब्ल्यू पाटिल ने बताया कि इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए कैबिनेट के सामने रखा जाएगा।
हरी झंडी मिलने के बाद पारित होगा प्रस्ताव
महाराष्ट्र सरकार के प्रस्ताव को कैबिनेट से हरी झंडी मिलने के बाद इसे लागू कर दिया जाएगा। इसके साथ ही हजारों लोगों को बड़ी राहत मिलेगा। दरअसल कई लोग कानूनी पचड़ों से आजाद हो जाएंगे। इन मामलों के वापस लिए जाने से लोगों को को कोर्ट और पुलिस थाने के चक्कर लगाने से आजादी मिल जाएगी। यही नहीं उनके नाम से पुलिस कार्रवाई का टैग भी हट जाएगा।
जानिए कब से शुरू हुआ था लॉकडाउन
दरअसल, कोरोना के बढ़ते केस को देखते हुए 24 मार्च 2020 से पूरे देश में लॉकडाउन लगाया गया था। धीरे-धीरे करके करीब 5 महीने तक लॉकडाउन बढ़ता रहा। इतना ही नहीं कोरोना की दूसरी लहर आने पर भी 2021 में लॉकडाउन लागू किया गया था। लॉकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए कानूनी कार्रवाई भी की गई थी।
ऐसे में जिन लोगों को लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन किया था, यानि लॉकडाउन के दौरान बेवजह घूमते पाए गए थे, उनके खिलाफ केस दर्ज हुए थे। ये केस आईपीसी की धारा 188 के तहत केस दर्ज किए गए थे।