महाकाल की महाशिवरात्रि ने तोड़ा अयोध्या की दिवाली का रिकॉर्ड, 10 मिनट में जलाए 11.71 लाख दी

भगवान महाकाल की नगरी उज्जैन ने अयोध्या का रिकॉर्ड तोड़ दिया। 10 मिनट में 11 लाख 71 हजार 78 दीये जलाए गए। इन्हें 14 हजार लोगों ने जलाया। इससे पहले दिवाली पर अयोध्या में 9 लाख दीये जलाए गए थे। यहां गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की 5 सदस्यीय टीम भी मौजूद रही। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम ने इसकी घोषणा भी कर दी।

महाशिवरात्रि के मौके पर उज्जैन नगरी फाल्गुन में दिवाली सी जगमग हुई। यहां शिव ज्योति अर्पणम् महोत्सव हुआ। सायरन बजने के बाद स्वयंसेवकों ने दीपक जलाना शुरू कर दिया। सबसे पहले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने पत्नी साधना सिंह के साथ 11 दीपक जलाए। यहां 5 ड्रोन से निगरानी की गई। राम घाट से लेकर भूखी माता घाट तक लोगों की भीड़ जमा रही। उज्जैन में आतिशबाजी भी की गई। सीएम शिवराज सिंह, उनकी पत्नी साधना सिंह और मंत्री मोहन यादव ने नौका विहार भी किया।

इससे पहले सुबह 3 बजे से ही महाकाल मंदिर के पट खोले गए थे। सबसे पहले भस्म आरती हुई थी। इसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। पट खुलते ही चार धाम मंदिर पर श्रद्धालुओं में भगदड़ मच गई थी। इस दौरान पुलिस के मेटल डिटेक्टर और कुछ बैरिकेड्स गिर गए थे। कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया कि भस्म आरती के बाद पट खोले गए, तब यह स्थिति बनी थी। यह स्थिति ज्यादा देर नहीं रही, पुलिस-प्रशासन ने व्यवस्था संभाल ली थी। महाकाल मंदिर में रात 8 बजे तक 4.6 लाख लोगों ने दर्शन कर लिए थे।

भस्म आरती में सबसे पहले भगवान महाकाल को पंडे पुजारियों ने जल चढ़ाया। इसके बाद पंचामृत अभिषेक पूजन में दूध, दही, घी, शक्कर और फलों के रस से अभिषेक किया गया। भांग से अद्भुत श्रृंगार किया गया था। सुबह 5.30 बजे से आम भक्तों ने दर्शन करने शुरू कर दिए थे।

देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे
बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन का महाकाल मंदिर दक्षिणमुखी है। साथ ही भस्म आरती की परम्परा के चलते इसका महत्व अत्यधिक बढ़ जाता है। देशभर से श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। देर रात 2 बजे से मंदिर के बाहर लाइन लगनी शुरू हो गई थी। अब 2 मार्च को रात्रि की शयन आरती के बाद पट बंद होंगे।

भस्म आरती के बाद ऐसा रहा कार्यक्रम
भस्म आरती के बाद प्रात: 7.30 से 8.15 तक दद्योदक आरती, 10.30 से 11.15 बजे तक भोग आरती हुई। शासकीय पूजन के बाद होलकर और सिंधिया परिवार द्वारा वंशपरंपरानुसार अभिषेक पं.घनश्याम पुजारी करेंगे। इसके बाद श्री महाकालेश्वर भगवान की शाम 6 बजे की आरती हुई। रात्रि 7 से 10 बजे तक कोटितीर्थ कुंड पर स्थित कोटेश्वर महादेव का पंचामृत पूजन और सप्तधान अर्पण के बाद पुष्प मुकुट श्रृंगार आरती की गई।

रात 11 बजे से शुरू होगी महापूजा
महाशिवरात्रि पर महाकाल मंदिर में आज रात 11 बजे से गर्भगृह में श्री महाकालेश्वर भगवान की महापूजा और अभिषेक, भस्म धूलन, रुद्राक्ष माला धारण, भू शुद्धि, भूत शुद्धि, अंतर्मात्रिका, बर्हिर्मात्रिका, महान्यास, लघुन्यास, रूद्र पूजन, पंचवत्र पूजन होगा। श्री महाकालेश्वर बाबा को शिव सहस्त्र नामावली से बिल्वपत्र अर्पित किए जाएंगे। महाकाल का पंचामृत और विभिन्न प्रकार के फलों के रस से अभिषेक होगा।

सप्तधान्य का मुखौटा धारण
सोमवार सुबह भगवान महाकाल को सप्तधान्य का मुखौटा धारण कराया गया। सप्तधान्य चावल, मूंग खड़ा, तिल, मसूर खड़ा, गेहूं, जौं, साल चढ़ाया गया। बाबा को सवा मन फूलों का पुष्प मुकुट बांध कर सोने के कुण्डल, छत्र और मोरपंख, सोने के त्रिपुण्ड से सुसज्जित किया गया। सुबह 6 बजे सेहरा आरती के दौरान बाबा महाकाल पर चांदी के बिल्वपत्र और सिक्के अर्पित किए गए।

कल दिन में होगी भस्म आरती
महाशिवरात्रि के दूसरे दिन 2 मार्च को साल में एक बार दोपहर को होने वाली भस्म आरती दोपहर 12 बजे होगी। भस्म आरती के बाद दोपहर 2 बजे भोग आरती होगी। शाम की आरती और रात्रि आरती के बाद रात्रि 11 बजे पट बंद होंगे।

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