महात्मा ज्योति राव फूले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना कर समाज में स्थापित बुराइयों को दूर करने का कार्य किया : एड0 मुकेश

भास्कर समाचार सेवा हापुड़। मोदीनगर रोड स्थित ग्राम गोयना के सैनी मार्किट में बामसेफ एवं आफसूट संगठन के दिशा निर्देशन में महात्मा ज्योतिराव फूले की जयंती समारोह कार्यक्रम का आयोजन बामसेफ के मंडल सचिव नंदकिशोर सैनी द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए ऐडवोकेट मुकेश कुमार ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा ज्योतिराव फुले ने अंग्रेजों से लड़कर शूद्र समाज के लिए शिक्षा का अधिकार प्राप्त किया। वर्ष 1848 में उन्होंने पुणे में प्रथम स्कूल खोलकर लड़कियों की शिक्षा का द्वार खोला उन्होंने अपने जीवन में 18 स्कूल और अपनी पत्नी को पढ़ा-लिखा कर भारत की प्रथम महिला शिक्षिका बनाया।
ज्योति राव फूले ने सत्यशोधक समाज की स्थापना कर समाज में स्थापित बुराइयों को दूर करने का कार्य किया और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाया। इस अवसर पर आयुष्मति मिथलेश रानी ने कहा कि फुले जी ने भारत में महिलाओं के लिए बंद शिक्षा के द्वार को खोलने का कार्य किया है आज जो महिलाएं भारत में किसी भी पद पर है वह फूले की देन है। ज्योति राव फूले महिलाओं के मुक्तिदाता है उन्होंने पुनर्विवाह कानून बनवा कर महिलाओं को सती प्रथा जैसी कुपर्था अमानवीय नरक से बाहर निकालने का कार्य किया। अनिल कुमार सैनी ने कहा कि ज्योति राव फूले पूरे भारत में सामाजिक, शैक्षिक क्रांति के अग्रदूत हैं जिन्होंने भारत में सामाजिक, आर्थिक, शैक्षिक क्षेत्र क्रांति कर भारत के बहुजन समाज के लोगों को मान सम्मान से जीना सिखाया। इस मौके पर विक्रम सिंह ने कहा कि महात्मा ज्योति राव फुले ने अपने जीवन में गुलामगिरी, किसान का कोड़ा, अछूतों की कैफियत आदि किताबें लिख कर लोगों को गुलामी से बाहर करने का रास्ता रास्ता प्रशस्त किया। बहुजन समाज पर होने वाले अत्याचार उत्पीड़न भेदभाव छुआछूत उनकी पीड़ा दीन हीन दशा और होने वाला शोषण आदि पर प्रकाश डाला। उन्होंने संध्या कालीन कक्षा चलाकर दिन में खेती-बाड़ी के काम में करने वाले किसान मजदूर को शाम के समय पढ़ा कर कर प्रौढ़ शिक्षा का कार्य चलाने का कार्य किया और वे जीवन पर्यंत समाज के हित में कार्य करते रहे जिसमें उनकी पत्नी माता सावित्रीबाई फुले ने ज्योति राव फूले का कंधे से कंधा मिलाकर साथ दिया।
इस अवसर पर शत्रुघ्न एडवोकेट, रामेश्वर दयाल, विनोद कुमार, रामशरण बोध आदि ने विचार व्यक्त किए। मंच का संचालन डॉ0 सूरज पाल सिंह ने किया।
कार्यक्रम में बबलू पेंटर, ललित कुमार गौतम, गंगाराम, विजय पाल सिंह, राजीव सैनी, सुभाष सैनी, रविंद्र कुमार, जगदीश कश्यप, कृष्ण कुमार सैनी, हरिओम सैनी, कपिल कुमार सैनी, बुद्ध प्रकाश, रविंद्र कुमार, अजीत सिंह, नरेंद्र कुमार सैनी, रवि कुमार, जयवीर सिंह, मनोहर सिंह, विजेंद्र कश्यप, रामानंद, जगन सिंह, अंकुर, सुरेश चंद, अशोक डीलर आदि मौजूद रहे।

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