मैनपुरी : संचारी रोग नियंत्रण हेतु कहीं भी न रहे जलभराव की स्थिति- डीएम

मैनपुरी। जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह ने विशेष संचारी रोग नियत्रंण अभियान हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की बैठक में उपस्थित विभिन्न विभागों के अधिकारियों, स्वास्थ्य, शिक्षा, बाल विकास विभाग के अधिकारियों से कहा कि जन सामान्य को वेक्टर जनित बीमारियों से बचने के लिए सभी लोग सप्ताह में एक बार जल पात्रों को अवश्य साफ करने के लिए पे्ररित करें, गत वर्ष जिन क्षेत्रों में डेंगू, मलेरिया के मरीज मिले हैं, उन स्थानों पर विशेष सतर्कता बरती जाए, वहां जल निकासी से लेकर साफ-सफाई, फोगिंग के मुकम्मल इंतजाम किए जाएं।

विशेष संचारी रोग नियत्रंण अभियान हेतु अन्तर्विभागीय समन्वय समिति की हुई बैठक

सभी संबंधित अधिकारी आपस में समन्वय स्थापित कर वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम की दिशा में कार्य करें, 02 अपै्रल से 30 अपै्रल तक संचालित होने वाले विशेष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान मे कार्य योजना के तहत कार्य करें, 25 मार्च से 27 मार्च के मध्य ब्लाॅक स्तरीय ग्राम प्रधान, ग्राम विकास अधिकारी संवेदीकरण की बैठक प्रत्येक दशा में आयोजित करा ली जायें, दि. 28 मार्च तक विशेष संचारी रोग नियंत्रयण अभियान हेतु ब्लाॅक एवं जनपद स्तरीय माइक्रोप्लान तैयार कर उपलब्ध कराया जाये, सभी अन्तर्विभागीय अधिकारी अपने-अपने विभागीय दायित्वों, कार्यों को समय से पूर्ण करायें, अपने-अपने कार्यालय में डेंगू, मलेरिया आदि की समाप्ति हेतु शपथ दिलायें, तहसील, ब्लाॅक, ग्राम स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी अपने-अपने क्षेत्र में लोगों को वेक्टर जनित बीमारियों से बचाने हेतु जागरूक करें।

शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से एंटी लार्वा का छिड़काव कराने के दिए निर्देश

गर्मी के दौरान वेक्टर जनित रोगों से बचाव के बारे में लोगों को जागरूक किया जाए, शहरी, ग्रामीण क्षेत्रों में नियमित रूप से एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाए, सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर चिकित्सक, पैरामेडिकल स्टाफ उपस्थित रहे, पर्याप्त मात्रा में दवाएं भी सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध रहें, मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया की रोकथाम के बारे में प्रचार-प्रसार कराया जाए। उन्होने अधिशासी अधिकारियों, जिला पंचायत राज अधिकारी को आदेशित करते हुए कहा कि संचारी रोग नियंत्रण हेतु कहीं भी जलभराव की स्थिति न रहे, जहां-जहां जलभराव हो वहां तत्काल जल निकासी के उचित प्रबंध किए जाएं, नालियों की साफ-सफाई के साथ-साथ नियमित रूप से एंटी लार्वा का छिड़काव कराया जाए, झाडि़यों की कटान, तालाब की सफाई, स्वच्छ पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए।

उन्होंने अधिशासी अधिकारियों को आदेशित करते हुए कहा कि प्रातः सफाई का स्थलीय निरीक्षण करें, सफाई कर्मी नियमित रूप से अपने हल्के में उपस्थित रहकर साफ-सफाई करें, कूड़ा उठान के उचित प्रबंध किए जाएं। उन्होंने उप जिलाधिकारियों से कहा कि अपने यहां की साफ-सफाई का औचक निरीक्षण करें, सफाई अभियान में नेतृत्व देकर कार्य कराएं, जिला पंचायत राज अधिकारी, खंड विकास अधिकारी ग्रामीण क्षेत्र में साफ-सफाई व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।

जिलाधिकारी ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रो में ऐसे स्थान जहां जलभराव की स्थिति बनी रहती है उन्हे चिन्हित कर सम्बन्धित खंड विकास अधिकारियों के माध्यम से ठीक कराया जाये। उन्होने कहा कि ग्राम विकास अधिकारी अपने ग्राम में नोडल अधिकारी होंगे, ग्रामों में नालियों की साफ-सफाई, झाडि़यों को कटवाना, उथले हैण्डपंम्पों को लाल रंग से चिन्हीकरण, इण्डिया मार्का-2 हैंड पम्प, प्लेट फार्म की मरम्मत, ग्रामवासियों के साथ साफ-सफाई की प्रतिज्ञा, ग्रामीण क्षेत्रों में आवादी के बीच वाले तालाबों को अपशिष्ट तथा प्रदूषण मुक्त रखने, आवासीय क्षेत्रों के आस-पास छछून्दर व चूहों आदि को नियंत्रित करने, आबादी वाले क्षेत्र से सूकर बाडों को दूर करने, जानवरों के पालन स्थल को स्वच्छ रखने, खुले में शौच न करने एवं सभी स्तरों पर विभिन्न विभागों से नियमित सम्पर्क एवं समन्वय स्थापित कर लोगों को जागरूक किया जाये।

मुख्य चिकित्साधिकारी डा. पी.पी. सिंह ने बताया कि पूर्व की भांति इस बार भी संक्रामक रोगों की रोकथाम एवं बचाव हेतु इस वर्ष का प्रथम संचारी रोग नियन्त्रण पखवाड़ा, दस्तक अभियान दि. 02 अपै्रल से 30 अपै्रल तक मनाया जायेगा। उन्होने बताया कि मच्छरों से फैलने वाली बीमारी डेंगू, मलेरिया, बुखार आदि का प्रभाव गर्मी ऋतु के मौसम में लगातार होता रहता है, यूनीसेफ के सहयोग से दस्तक अभियान, संचारी रोग नियंत्रण पखवाडा आयोजित किये जाने की योजना बनाई है। उन्होने कहा कि अभियान के दौरान लोगों को जागरूक किया जायेगा कि डेंगू का मच्छर सामान्यतः दिन में ही काटता है, मध्यम प्रकाश में दिन में प्रातः 09 बजे से 12 तक तथा सायं 04 बजे से 07 बजे तक बार-बार काटता रहता है, डेंगू मादा एडिज एजिप्टाई मच्छर तीन सप्ताह तक जीवित रहता है, यह स्वच्छ ठहरे हुये पानी में अण्डे देता है, इसलिए स्वच्छ पानी एकत्र न होनें दे।

पूरी आस्तीन के कपड़े पहनें, यदि अचानक तेज बुखार आना, आंखों के पीछे दर्द होना, तेज सिर दर्द मांसपोशियों एवं जोड़ों में दर्द, जी मिचलाना, उल्टी होना, भूख न लगना, मुंह का स्वाद खराब होना, पेट दर्द हो तो तत्काल चिकित्सक से सम्पर्क करें। बैठक में मुख्य विकास अधिकारी विनोद कुमार, मुख्य चिकित्साधीक्षक डा. अरविन्द गर्ग, जिला विकास अधिकारी प्रवीन कुमार राय, समस्त खंड विकास अधिकारी, प्रभारी चिकित्साधिकारी, अपर मुख्य चिकित्साधिकारी, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी, जिला मलेरिया अधिकारी, यूनिसेफ के पदाधिकारी आदि उपस्थित रहे।

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