श्रीनगर के एक होटल में मई में एक स्थानीय महिला के साथ देखे जाने के बाद पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए मेजर लीतुल गोगोई को कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी में एक स्थानीय निवासी से दोस्ती करने और एक अभियान वाले क्षेत्र में अपने कार्य स्थल से दूर रहने का दोषी पाया गया है। समाचार एजेंसी भाषा को सैन्य सूत्रों ने आज यह जानकारी दी। सेना के सूत्रों ने बताया कि गोगोई के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करने के आदेश जारी कर दिए गए हैं।
सूत्रों ने बताया
अदालत ने उन्हें निर्देशों के विपरीत स्थानीय महिला से ‘मेलजोल’ रखने और एक अभियान वाले इलाके में अपने कार्य स्थल से दूर रहने का जिम्मेदार ठहराया। पुलिस ने 23 मई को एक विवाद के बाद गोगोई को हिरासत में लिया था। वह 18 वर्षीय महिला के साथ श्रीनगर के एक होटल में कथित तौर पर घुसने की कोशिश कर रहे थे। इसके कुछ दिन बाद सेना ने इस घटना की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के आदेश दिए। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने पहलगाम में कहा था कि अगर गोगोई को ‘किसी भी अपराध’ में दोषी पाया जाता है तो कठोर सजा दी जाएगी।
तीनों से इस साल मई में श्रीनगर पुलिस ने पूछताछ की थी।
कॉर्प्स कमांडर की अनुमति के बाद सैन्य अधिकारी उनके खिलाफ सेना अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत आरोप तय करेंगे। वह इस बात का फैसला करेंगे कि वह अधिकारी को सदा देंगे या उनका कोर्ट मार्शल किया जाएगा। उनके खिलाफ कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के आदेश उस समय दिए गए थे जब उन्होंने एक महिला और पुरुष के साथ होटल में काफी हंगामा किया था। तीनों से इस साल मई में श्रीनगर पुलिस ने पूछताछ की थी। होटल ग्रांड ममता में स्टाफ ने महिला को अंदर जाने से मना कर दिया था। पुलिस ने कहा था कि सैन्य अधिकारी को बाद में उनकी यूनिट के हवाले कर दिया गया था।
नॉर्थ सिटी के एसपी सजाद अहमद शाह को आईजीपी (आईजीपी) कश्मीर एसपी पानी ने एक इंक्वायरी करने के लिए कहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस को बताया गया कि लीतुल गोगोई के नाम पर होटल में एक कमरा बुक था। 31 मई को जम्मू और कश्मीर पुलिस ने श्रीनगर कोर्ट में जमा कराई स्टेटस रिपोर्ट में कहा कि गोगोई के खिलाफ कोई केस नहीं बनता है। ना तो होटल वालों ने और ना ही लड़की ने कोई शिकायत दर्ज कराई है।