संचारी रोग नियंत्रण अभियान को बनाएं सफल : डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ

अलीगढ़। जिले में आजकल विशेष संचारी रोग नियंत्रण माह मनाया जा रहा है, यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। इसके अंतर्गत विभिन्न विभागों की मदद से विशेष संचारी रोग को नियंत्रित करने के लिए अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। इसके साथ ही 15 अप्रैल से 30 अप्रैल तक घर-घर दस्तक अभियान चलेगा। इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगी चिन्हित कर दवा देंगी व आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल में भी भर्ती कराएंगी।
सीएमओ डॉ नीरज त्यागी ने बताया कि विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान को सफल बनाने के लिए संचारी रोग नियंत्रण अभियान में बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को उपाय बताए जाएंगे। गंदा पानी पीने व गंदगी के कारण होने वाले रोगों से बचाव के लिए स्वच्छता अभियान भी चलाया जाएगा।
जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि 15 से 30 अप्रैल तक दस्तक अभियान चलेगा। अभियान के दौरान इसमें आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार, खांसी, आईएलआई (इन्फ्लूएंजा लाइकइलनेस), टीबी, कोविड, डेंगू, मलेरिया और अन्य संचारी रोगों के लक्षणों के बारे में जानकारी देने के साथ लक्षण युक्त संभावित मरीजों को चिह्नित कर जांच कराएंगी। बीमारी की पुष्टि होने पर नि:शुल्क उपचार दिलाया जाएगा। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत स्तर पर ग्राम प्रधानों को भी इस अभियान से जोड़ा गया है। अभियान में कुल 13 विभाग अपना योगदान देंगे। इनमें स्वास्थ्य विभाग प्रमुख भूमिका अदा करेगा। उन्होंने बताया कि नगर निगम व नगर पंचायत को जिम्मेदारियां सौंप दी गई है। जहां भी मच्छर पनपने की संभावना होगी। वहां निरोधात्मक कार्रवाई की जाएगी।
डॉ. कुलश्रेष्ठ ने बताया कि नगरीय क्षेत्र में फागिंग, लार्वा रोधी दवा का छिड़काव नगर पंचायत एवं नगर निगम द्वारा किया जाएगा। प्रत्येक ग्राम का नोडल अधिकारी ग्राम प्रधान को बनाया गया है। पम्प, फागिंग मशीन खरीदकर उसका उपयोग स्वास्थ्य विभाग की देखरेख में किया जाएगा।
कूलर के इस्तेमाल में बरतें सावधानी : जिला मलेरिया अधिकारी डॉ राहुल कुलश्रेष्ठ ने बताया कि गर्मी का मौसम शुरू हो चुका है, लोग कूलर आदि इस्तेमाल करने लगे हैं। हर सप्ताह में कम से कम एक बार कूलर का पानी निकालकर अच्छे से साफ जरूर करें, जिससे लार्वा न पनप सकें। उन्होंने कहा कि सभी गांवों में झाड़ियों की कटाई, नालियों और तालाबों की सफाई, उथले हैंडपंपों का चिह्नांकित समय से करा लिया जाए तो संचारी रोग को 90 प्रतिशत तक फैलने से रोका जा सकता है।
कुपोषित भी होंगे चिन्हित : अभियान के दौरान आशा, आंगनवाड़ी और संगिनी कार्यकर्ता घर-घर जाकर कुपोषित और अति कुपोषित बच्चों की सूची बनाएंगी। फिर यह सूची ए.एन.एम के जरिए ब्लॉक मुख्यालय पर भेजी जाएगी। बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग कुपोषित व अति कुपोषित बच्चों को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से पोषण पुनर्वास केंद्रों पर उपचार एवं पोषण उपलब्ध कराता है।

अलीगढ़ से दैनिक भास्कर डिजिटल के लिए जिला ब्यूरो खलील अहमद की रिपोर्ट

खबरें और भी हैं...

अपना शहर चुनें