कसरत को बनाए बुढ़ापे का सहारा, जरूरी है हर रोज व्यायाम

अगर बुजुर्ग बार-बार गिरते हैं, तो यह अपने आप में एक बीमारी है। यह दूसरी बीमारियों की वजह से होती है और कई दूसरी बीमारियों की वजह बनती है। 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के गिरने पर हड्‌डी टूटने की आशंका 5% बढ़ जाती है। अचानक गिरना किसी भी उम्र में हो सकता है, लेकिन जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, यह बार-बार होने लगता है।

दरअसल, दिमाग अचानक शरीर का साथ छोड़ देता है। इस वजह से बुजुर्गों के गिरने की घटनाएं होती हैं। पार्किंसन जैसी बीमारी के चलते दिमाग और शरीर की तारतम्यता बार-बार टूटती है। इससे बुजुर्गों को कई बार चोटें लगती हैं, तो कई बार हड्‌डी टूट जाती है। इस उम्र में हड्‌डी जुड़ने में लंबा समय लग जाता है।

कूल्हे की हड्डी टूटने पर मौत की आशंका

ब्रिटेन की सरकारी रिपोर्ट कहती है कि 65 साल से ऊपर के एक तिहाई और 80 साल से ऊपर के आधे लोग साल में एक बार जरूर गिरते हैं। गिरने से बुजुर्गों के कूल्हे की हड्‌डी टूटने की वजह से एक साल के अंदर मौत की संभावना तीन गुनी हो जाती है। जबकि 20% मामलों में बुजुर्गों को लंबे समय तक देखभाल की जरूरत पड़ती है।

डॉक्टर डेविड ओलिवर कंसल्टेंट जेरियाट्रिशियन हैं। वे कहते हैं कि स्ट्रोक से ज्यादा बुजुर्ग गिरने से अस्पताल पहुंचते हैं। 65 साल से ज्यादा उम्र के लोगों के अचानक गिरने के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। अकेले ब्रिटेन में ही जहां 2010-11 में 1.85 लाख गिरने से लोग अस्पताल पहुंचे थे, वहीं 2019-20 में 2.34 लाख बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। ओलिवर कहते हैं- मरीज अस्पताल में स्वस्थ होने आते हैं, लेकिन वे कई बार यहां दूसरी बीमारियों से संक्रमित हो जाते हैं। बुजुर्गों में यह संक्रमण कई बार जानलेवा हो जाते हैं।

घर पर इलाज का बंदोबस्त बना रहे डॉक्टर

तकनीक की मदद से बुजुर्गों के गिरने के बाद अस्पताल जाने की नौबत कम करने की कोशिश साल 2018 में वेल्स में हुई। घर पर इलाज का जुगाड़ किया गया। इससे गिरने पर बुजुर्गों को अस्पताल में भर्ती करने की नौबत एक साल में ही 65% से गिरकर 16% पर आ गई।

डॉरसेट हेल्थकेयर के कंसल्टेंट डॉक्टर क्लिफ किलगोर कहते हैं- अगर 85 साल से ज्यादा उम्र के बुजुर्ग 72 घंटे से ज्यादा समय तक लेटे रहें, तो उनकी मांसपेशियां इतनी कमजोर हो जाती हैं कि उनका उठ पाना मुश्किल होता है। इससे बुुजुर्गों को बचाने का सबसे अच्छा तरीका अस्पताल की बजाय घर पर देखभाल है। बीपी, आंख और कान के इलाज की दवाओं से गिरने के मामले बढ़ते हैं।

इन सावधानियों से बुजुर्ग गिरने से बचें

योग-कसरत हर उम्र में शरीर का नियंत्रण बढ़ाती है। गिरने की आशंका कम होती है।
धीरे चलें और चप्पल ऐसी पहनें, जिससे फिसलने का खतरा कम हो।
बुजुर्ग बड़ा या भारी सामान लेकर न चलें।
घर का फर्नीचर ऐसे रखें कि उससे टकराकर बुजुर्गों को चोट न लगे।
बुजुर्गों का बिस्तर ज्यादा ऊंचा न रखें। सोते हुए गिरने के मामले ज्यादा होते हैं।
घर में स्लिप प्रूफ मैट का इस्तेमाल करें।

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