वक्फ़ अधिनियम के खिलाफ ममता बनर्जी के कड़े तेवर, बुधवार को इमामों संग बैठक

कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि केंद्र सरकार द्वारा पारित नया वक्फ़ संशोधन कानून किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। इस मुद्दे पर राज्यभर में विरोध प्रदर्शन जारी है और इसी क्रम में आगामी 16 अप्रैल, बुधवार को नेताजी इंडोर स्टेडियम में इमामों, मोअज़्ज़िनों और मुस्लिम समाज के अन्य प्रतिनिधियों के साथ मुख्यमंत्री एक महत्वपूर्ण बैठक करने जा रही हैं।

सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में ममता बनर्जी अल्पसंख्यक समाज को केंद्र सरकार के इस फैसले के खिलाफ अगला रणनीतिक संदेश दे सकती हैं। माना जा रहा है कि वह समाज को लोकतांत्रिक तरीके से विरोध जारी रखने और किसी भी प्रकार की उग्रता से दूर रहने की अपील करेंगी।

तृणमूल कांग्रेस पहले ही संसद में इस संशोधन के खिलाफ कड़ा विरोध जता चुकी है। पार्टी का आरोप है कि केंद्र सरकार ने बिना परामर्श के जबरन इस कानून को पारित कर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई है। ममता बनर्जी ने कहा है कि इस कानून के नकारात्मक असर को बंगाल में लागू नहीं होने दिया जाएगा।

इस बीच राज्य के विभिन्न जिलों में शुक्रवार को भी बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन हुए। कई जगहों पर स्थिति तनावपूर्ण हो गई। तृणमूल कांग्रेस ने जनता से अपील की है कि वे भारतीय जनता पार्टी की किसी भी तरह की उकसावे वाली राजनीति में न फंसें और शांति बनाए रखें।

तृणमूल कांग्रेस ने साफ किया है कि वे केंद्र की नीति के खिलाफ खड़े रहेंगे, लेकिन कोई भी विरोध हिंसक न हो। तृणमूल का कहना है कि भाजपा चाहती है कि इस मुद्दे पर सांप्रदायिक तनाव फैले, लेकिन बंगाल की जनता को इसके खिलाफ सतर्क रहना चाहिए।

तृणमूल नेतृत्व ने मुस्लिम समाज से अपील की है कि वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर भरोसा रखें और 16 अप्रैल की बैठक का इंतजार करें, जिसमें वे अगली लड़ाई की स्पष्ट दिशा तय करेंगी। यह बैठक आने वाले दिनों में राज्य की अल्पसंख्यक राजनीति में एक अहम मोड़ साबित हो सकती है।

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