पटना : बिहार में हुई नवजात की अस्पताल में मौत के बाद लोगो में जमकर आक्रोश है. इस मामले ने लोगो के रौंगटे खड़े कर दिए है एक बार फिर से सरकारी अस्पताल की नाकामी उजागर हुई है. मामला कुछ ऐसा है सूबे के दरभंगा शहर स्थित डीएमसीएच अस्पताल में चूहों ने एक नवजात की जान ले ली. जानकारी के मुताबिक नवजात बच्चा मधुबनी जिले के पंडौल का रहने वाला था. इलाजे के लिए उसे डीएमसीएच अस्पताल के शिशु विभाग में भर्ती कराया गया था.
बच्चे की खराब हालत देखते हुए उसे एनआईसीयू में भर्ती किया गया जहां बीती रात चूहे ने बच्चे के हाथ और पैर की अंगुली को निवाला बनाते हुए उसे खा गए और बच्चे की मौत हो गई. इस घटना के बाद से मृतक बच्चे के परिवार वाले का रो-रो कर बुरा हाल है. परिजनों का आरोप है कि चूहों के कुतरने से बच्चे की मौत हो गई.
मामला अस्पताल के शिशु रोग विभाग का है. जिस बच्चे को चूहों ने अपना निवाला बनाने की कोशिश करते हुए कुतरा वह बच्चा पिछले 9 दिनों से इसी अस्पताल के एनआईसीयू में भर्ती था. बच्चे की मौत के बाद उसके परिजनों ने अस्पताल के कर्मियों पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है. परिजनों का आरोप है कि चूहे के कुतरने के कारण बच्चे की मौत हुई है. बच्चे के शरीर पर भी जख्म के निशान मिले हैं.
अस्पताल में मौजूद चूहों ने बच्चे के पैर और हाथ दोनों को बुरी तरह कुतर डाला. जख्म पर पट्टी बंधी होने के बाद भी उससे लगातार खून रिस रहा था. वहीं अस्पताल के डॉक्टर ओम प्रकाश ने भी एनआईसीयू में चूहे होने की बात को स्वीकारा है लेकिन उन्होंने कहा है कि बच्चे की मौत का कारण चूहा का काटना नहीं है. इस घटना के बाद से उसी अस्पताल में मौजूद अन्य मरीजों ने भी कहा कि यहां चारों ओर चूहे भटकते रहते हैं और मौका मिलते ही लोगों को भी काट लेते हैं.
क्या कहते परिजन
बच्चे के पिता का कहना है कि रात एक बजे तक बच्चा स्वस्थ था। सुबह पांच बजे उसे देखने पहुंचा तो देखा कि बच्चे को चूहे कुतर रहे थे और बच्चा मृत पड़ा था। वहां न तो डॉक्टर थे और न ही नर्स और कोई स्टाफ। नर्स को बुलाकर लाया तो पता चला कि बच्चे की मौत हो चुकी है। उन्होंने इस संबंध में प्रभारी डीएम कारी प्रसाद को आवेदन दिया है। इसमें नवजात के इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया गया है। वहीं आईसीयू के कोऑर्डिनेटर डॉ. ओमप्रकाश का कहना है कि बच्चे की हालत गंभीर थी, इसके कारण उसकी मौत हो गई। उन्होंने चूहे के कुतरने से बच्चे की मौत से इनकार किया। हालांकि उन्होंने आईसीयू में चूहे होने से इनकार नहीं किया। इधर, इस संबंध में डीडीसी और प्रभारी डीएम कारी प्रसाद ने कहा कि नवजात के परिजनों ने आवेदन दिया है। डीएम के छुट्टी से लौटने के बाद कमेटी बनाकर मामले की जांच की जाएगी। इसमें अगर कोई दोषी पाया जाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।