पश्चिम बंगाल के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज में एक 22 वर्षीय पीजी छात्रा की दुष्कर्म के बाद निर्मम हत्या के मामले ने राजनीतिक गलियारों में भूचाल ला दिया है। भाजपा के तीन वरिष्ठ नेताओं ने राज्य की मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी पर तीखे आरोप लगाए हैं और राज्य में महिला सुरक्षा की स्थिति पर गंभीर सवाल उठाए हैं।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार ने अपने ट्वीट में इस घटना की तुलना पार्क स्ट्रीट, हंसखाली और कामदुनी जैसी घटनाओं से की, जहां महिलाओं को निर्दयता से दुष्कर्म के बाद हत्या की गई थी। उन्होंने ममता बनर्जी की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “आपकी सरकार की अक्षमता के कारण कितने और माता-पिता की गोदें सूनी होंगी? और कितनी और बंगाल की बेटियों के निर्जीव शरीर देख कर आपको चैन मिलेगा?”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने राज्य पुलिस और प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि इतने गंभीर मामले में भी कोलकाता पुलिस ने बलात्कार और यौन उत्पीड़न के तहत मामला दर्ज नहीं किया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कॉलेज के प्रिंसिपल, जो एक टीएमसी विधायक के करीबी माने जाते हैं, ने इस घटना के लिए पीड़िता को ही दोषी ठहराया। उन्होंने कहा, “अगर एक महिला डॉक्टर को सरकारी अस्पताल में सुरक्षा नहीं मिल सकती, तो आप कोलकाता पुलिस से आम जनता की सुरक्षा की क्या उम्मीद कर सकते हैं?”
भाजपा के सह-प्रभारी अमित मालवीय ने भी ममता बनर्जी पर हमला करते हुए कहा कि सरकार ने मामले को दबाने के लिए ऑपरेशन कवर-अप शुरू कर दिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि अस्पताल के प्रमुख व्यक्तियों की मिलीभगत से यह मामला जल्द ही ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल, संदीप घोष, जो पहले एक घोटाले में शामिल पाए गए थे, को अक्टूबर 2023 में स्थानांतरित किया गया था, लेकिन टीएमसी के करीबी होने के कारण उन्हें तीन महीनों के भीतर वापस लाया गया।
भाजपा नेताओं ने इस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा है कि राज्य की जनता को ममता बनर्जी की पुलिस पर भरोसा नहीं रह गया है।
यह मामला ममता सरकार के लिए परेशानी का सबब बनता जा रहा है। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है।