युद्ध में मारे गए भाई की अस्थियां लेने रूस गया था युवक, खाली हाथ लौटा

रूस यूक्रेन युद्ध में मारे गए छोटे भाई की अस्थियां लेने रूस गया कैथल निथासी अजय मौण मंगलवार को खाली हाथ वापस लौट आया। रूस में क्रिसमस अवकाश और भाई का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध न होने से उसे अपने देश वापस लौटना पड़ा। अस्थियां सुपुर्द करने के लिए रूस के अधिकारियों ने उसे फरवरी का समय दिया है। भाई की अस्थियां अपने गांव की माटी में वापस लाने के लिए उसे फरवरी में दोबारा रूस जाना पड़ेगा।

अजय मौण ने बताया कि 10 दिसंबर को वह छोटे भाई की अस्थियां लाने को गांव से रूस के लिए रवाना हुए थे। 14 दिन की यात्रा के बाद वह रूस पहुंचे थे। रूस में क्रिसमस अवकाश और भाई का मृत्यु प्रमाण पत्र उपलब्ध न पर उसे भाई की अस्थियां नहीं सौंपी गई।

अजय मौण को जुलाई 2023 में रवि के पासपोर्ट के नंबर का सुबूत पेश करते हुए मौत की जानकारी दी गई थी। रूसी पक्ष ने मौत की पुष्टि की। शव की पहचान के लिए उन्हें उसके करीबी रिश्तेदारों से डीएनए टेस्ट देने को कहा गया। पिता के बीमार होने की स्थिति में बड़े भाई अजय मौण डीएनए के लिए आगे आए हैं। इस संबंध में उन्होंने मास्को स्थित भारतीय दूतावास को पत्र लिखा था।

अजय मौण ने बताया कि 13 जनवरी 2024‌ को रोजगार की तलाश में भाई रवि गांव के छह युवाओं के साथ विदेश गया था। वहां एजेंट ने उन्हें वाहन चालक की नौकरी दिलाने का आश्वासन दिया था। बाद में भाई को रूस-युक्रेन युद्ध में झोंक दिया गया। अंतिम बार 12 मार्च को उनका भाई से संपर्क हुआ था। तब उन्होंने यह बताया था कि 6 मार्च से उन्हें लड़ाई में उतारा गया है।

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