उन्नाव में पिछले दिनों दो महीने के अधिक समय से लापता दलित युवती की हत्या का मामला आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद भी तूल पकड़े हुए हैं। सोमवार को बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने अपने ट्विटर हैंडल पर लगातार दो ट्वीट कर उन्नाव पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। मायावती ने ट्वीट कर कहा कि रेप पीड़िता का परिवार लखनऊ में उनसे मिला और न्याय की गुहार लगाई। मायावती ने कहा कि इस मामले में पुलिस आरोपी सपा नेता के बेटे के बराबर जिम्मेदार है। मायावती का आरोप है कि अगर समय रहते कार्रवाई होती तो न्याय जल्दी हो सकता है। बसपा प्रमुख ने इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की मांग करते हुए पीड़ित परिवार के लिए कानूनी पैरवी और मदद देने की बात भी कही। मायावती ने दोषियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जेल भेजने की भी मांग की।
लखनऊ में मायावती से मिला पीड़ित परिवार
बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि उन्नाव में दलित युवा लडकी का अपहरण कर उसकी नृशंस हत्या के संगीन मामले में पीड़ित परिवार के लोग समुचित न्याय की तलाश में रविवार रात लखनऊ आकर मुझसे मिले और अपनी दुःख भरी व्यथा सुनाई, जिससे स्पष्ट है कि सपा नेता के बेटे सहित लोकल पुलिस भी पूरी तरह से इसके लिए जिम्मेदार है।
दोषी पुलिसकर्मियों को किया जाए बर्खास्त
मायावती ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा कि उन्नाव पुलिस अगर पीड़ित परिवार की शिकायत का समय से संज्ञान ले लेती तो यह घटना नहीं होती। सरकार दोषी पुलिस वालों को बर्खास्त करे तथा उनके खिलाफ सख्त धाराओं में मुकदमा दर्ज करके उन्हें जेल भेजे। साथ ही गरीब पीड़ित परिवार की उचित कानूनी पैरवी की व्यवस्था करे, बीएसपी की यह मांग है।
दो महीने बाद मिला था युवती का शव
बता दें कि हाल ही में उन्नाव जिले में दलित लड़की के अपहरण और हत्या के सनसनीखेज मामले में सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे फतेह बहादुर सिंह के पुत्र राजोल सिंह पर आरोप लगा है। करीब दो महीने बाद किशोरी का शव फतेह बहादुर के दिव्यानंद आश्रम के पास प्लाट में मिला था। वहीं यूपी पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल उठ रहे हैं। मामला बढ़ता देख एक इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है। युवती की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या करने की पुष्टि हुई है। रिपोर्ट में युवती के गर्दन की हड्डी भी टूटी पाई गई है।