
सरूरपुर,मेरठ : नगर पंचायत हर्रा में स्मार्ट मीटर लगाने को लेकर बिजली उपभोक्ताओं और ऊर्जा निगम के बीच टकराव की स्थिति बन गई है। बुधवार को उस समय हंगामा खड़ा हो गया जब बिजली विभाग की टीम ने एक उपभोक्ता का बिजली कनेक्शन सिर्फ इसलिए काट दिया क्योंकि उसने अपने घर में स्मार्ट मीटर लगाने की अनुमति नहीं दी थी। जबकि उपभोक्ता का कहना है कि उसका बिजली बिल पूरी तरह जमा है।
उपभोक्ता नूर मोहम्मद ने बताया कि उन्होंने अपना बिजली बिल समय पर और पूरा जमा किया था, जिसकी रसीद उनके पास मौजूद है। इसके बावजूद बिजली विभाग की टीम ने बिना किसी सूचना के उनका कनेक्शन काट दिया। इस कार्रवाई से नाराज़ कस्बावासियों ने एकत्र होकर विरोध प्रदर्शन किया और बिजली निगम पर मनमानी का आरोप लगाया। लोगों का कहना है कि बिना पूर्व सूचना और उनकी सहमति के जबरन स्मार्ट मीटर लगाना एकतरफा निर्णय है। इससे उपभोक्ताओं में असंतोष और भय का माहौल बन रहा है।
नगरवासियों की आपत्तियाँ
नगरवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि स्मार्ट मीटर में बिल अधिक आने की शिकायतें पहले से हैं, जिससे लोगों को आर्थिक बोझ उठाना पड़ता है।
उन्होंने यह सवाल भी उठाया कि जब पारंपरिक मीटर से उपभोक्ता समय पर बिल चुका रहा है, तो ऐसे में स्मार्ट मीटर थोपने का औचित्य क्या है?
नगरवासियों ने कहा कि बिजली विभाग की कार्रवाई तानाशाही जैसी है।
हमसे कोई राय नहीं ली गई, न ही कोई जनसुनवाई हुई। सीधे टीम आई और कनेक्शन काट दिया गया। ये कैसा लोकतंत्र है? एक स्थानीय निवासी ने गुस्से में कहा।
ऊर्जा निगम का पक्ष
वहीं, ऊर्जा निगम का कहना है कि स्मार्ट मीटर लगाना सरकार की नीति का हिस्सा है और इसका उद्देश्य उपभोक्ताओं को बेहतर, पारदर्शी और सटीक बिजली सेवाएं देना है। निगम के अधिकारियों ने कहा कि इससे रीडिंग की सटीकता बढ़ेगी, बिजली चोरी रुकेगी और उपभोक्ताओं को समय पर बिल मिल सकेगा।
प्रशासनिक हस्तक्षेप की मांग
घटना के बाद कुछ जनप्रतिनिधियों और पंचायत सदस्यों ने भी मामले में दखल दिया और अधिकारियों से बातचीत कर समाधान निकालने को कहा। उन्होंने ऊर्जा विभाग से आग्रह किया कि जब तक जनता को पूरी जानकारी न दी जाए और उनकी सहमति न मिले, तब तक जबरन मीटर लगाने की कार्रवाई स्थगित की जाए।
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