दिल्ली और मेरठ के बीच सफर और आसान करने के लिए 2024 तक मेरठ में रैपिड और मेट्रो ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा। सराय काले खां से लेकर मेरठ को जोड़ने वाली मेट्रो, रैपिड रेल के लिए ट्रैक और स्टेशन आकार लेने लगा है। मेरठ से दिल्ली के बीच भारत का पहला आरआरटीएस कॉरिडोर तैयार किया जा रहा है।
प्रीकास्ट तकनीक से तैयार किया जा रहा कॉरिडोर
एनसीआरटीसी के प्रोजेक्ट रीजनल रैपिड ट्रांजिस सिस्टम कॉरिडोर को पूरी तरह प्रीकास्ट निर्माण तकनीक की मदद से बनाया जा रहा है। कम समय में तेजी से इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। ताकि 2024 तक इस प्रोजेक्ट को चालू किया जा सके। आरआरटीएस स्टेशनों और वायाडक्ट के निर्माण के लिए प्रीकास्ट तकनीक को व्यापक रूप से अपनाया गया है।
डीवॉल का काम लगभग पूरा
भैंसाली बस अड्डे के पास बन रहे अंडरग्राउंड स्टेशन के लिए डीवॉल का काम 95 फीसदी काम लगभग पूरा हो चुका है। यहां 128 डी वाल पैनलों को 25 मीटर की गहराई तक (लगभग 7 मंजिल के बराबर) भूमिगत डाला जा रहा है। । इसके साथ ही स्टेशन के ऊपरी छत का निर्माण कार्य भी प्रगति पर है। निचले स्लैब की कास्टिंग के साथ ही यह स्टेशन अब आकार लेने लगा है।
कहां से कहां तक होगा सफर
दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरीडोर में कुल 25 स्टेशन है जिसमे से 13 स्टेशन मेरठ में स्थित है जिनके द्वारा मेरठ में लोकल मेट्रो की ट्रांसिट सेवा स्थानीय निवासियों को मिल सकेगी। मेरठ साउथ स्टेशन से लोकल मेट्रो की सेवा प्रारम्भ होगी और परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी के एलिवेटेड भाग से आगे भैंसाली, मेरठ सेंट्रल और बेगमपुल में भूमिगत हो जाएगी। आगे यह पुनः एलिवेटेड होकर एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ व मोदीपुरम होते हुए मोदीपुरम डिपो तक जाएगी जहां मोदीपुरम डिपो में ट्रेनों के रखरखाव का प्रबंध किया जाना है।