लियाकत मंसूरी
मेरठ। कोविड के चलते सरकार द्वारा लोगों को घर बैठे चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गयी ई-संजीवनी ओपीडी का जादू सिर चढ़कर बोला। गत वर्ष की तरह आॅनलाइन ई संजीवनी ओपीडी में इस साल भी मेरठ का प्रदेश में पहला स्थान पर बना हुआ है।
31 मार्च को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2021-22 में जनपद में 1.07 लाख आॅनलाइन ई संजीवनी ओपीडी हुईं। ई-संजीवनी ओपीडी के मामले में जनपद लगातार दूसरी बार पहले स्थान पर आया है, जबकि अयोध्या 1.05 लाख ओपीडी कर दूसरे और बलरामपुर 74123 ओपीडी कर तीसरे स्थान पर रहा। मेरठ जनपद की उपलब्धि पर मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डा. अखिलेश मोहन ने अपनी टीम को बधाई दी है। डा. अखिलेश मोहन ने बताया, कार्यक्रम की नोडल अधिकारी एसीएमओ डॉ. पूजा शर्मा के निर्देशन में ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन ओपीडी के मामले में मेरठ जनपद पूरे सूबे में दूसरी बार पहले स्थान पर रहा है। कोरोना काल में मरीजों को घर बैठे चिकित्सकीय परामर्श उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार की ओर से इस सुविधा का शुभारंभ किया गया था। 31 मार्च 2021 तक ई. संजीवनी टेलीमेडिसिन ओपीडी में मेरठ जनपद में कुल 38220 टेलीमेडिसिन ओपीडी हुईं थीं। उस समय दूसरे स्थान पर राय बरेली जनपद रहा था, वहां 37969 टेली मेडिसन ओपीडी की गईं थी। तीसरे स्थान पर जालौन रहा था, वहां 37584 टेलीमेडिसिन ओपीडी की गईं थीं।
बुलंदशहर सातवां तो बागपत रहा आठवें स्थान पर
उन्होंने बताया, वित्तीय वर्ष 2021-22 में ई- संजीवनी ओपीडी के मामले में मेरठ जनपद ने दूसरी बार प्रथम स्थान बरकरार रखा है। मेरठ मंडल में बुलंदशहर ने 61846 ई संजीवनी ओपीडी कर प्रदेश में सातवां स्थान प्राप्त किया है, जबकि बागपत ने 61602 ई संजीवनी ओपीडी कर प्रदेश में आठवां स्थान प्राप्त किया है।
सीएमओ ने बताया, केन्द्र सरकार ने कोविड-19 के चलते चिकित्सकीय सुविधाएं घर पर ही उपलब्ध कराने के लिए ई संजीवनी टेलीमेडिसिन ओपीडी की शुरूआत की थी, जनपद में कोविड के बचाव के साथ-साथ जन सामान्य को घर पर ही चिकित्सा उपलब्ध करवाने में सामुदायिक चिकित्सा अधिकारी सीएचओ, एमएचसीपी, स्टाफ नर्स के द्वारा अन्य जनपदों से बेहतर कार्य किया है। इस कार्य में डीसीपीएम, डीपीएम, डीयूएचसी, बीसीपीएम, बीपीएम, सीसीपीएम व एसीपीए का पूरा सहयोग रहा है।
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