डायरेक्टर एंड हेड ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी, फेसबुक इंडिया ने DainikBhaskarup.com से की खास बातचीत
लखनऊ। किसी राज्य में चुनाव के दौरान मेटा अपनी भूमिका निभाने में लगा है। फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप को संचालित करने वाली कंपनी है। मेटा इस चुनाव की पारदर्शिता के साथ लोगों को वोट देने के लिए जागरूक बनाने का भी काम कर रहा है।
वर्ष 2017 से दुनिया भर में 200 से अधिक चुनावों के दौरान इसी तरह का काम करने में डटे राजीव अग्रवाल डायरेक्टर एंड हेड ऑफ़ पब्लिक पॉलिसी, फेसबुक इंडिया का कहना है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में चुनावों के मद्देनजर अपनी ईमानदारी को भी उसने साझा किया है। मतदान के दौरान हिंसा भड़काने और घृणा फैलाने वाली सामग्री का पता लगाने तथा उसे हटाने में मेटा ने सराहनीय भूमिका निभाई है। हम स्थानीय कानून के खिलाफ सामग्री को हटाने के लिए चुनाव अधिकारियों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
DainikBhaskarup.com से की खास बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि, 2019 में भारत के आम चुनावों में इस मॉडल को तैनात किया गया। इनमें खतरे की खुफिया जानकारी, डाटा विज्ञान, इंजीनियरिंग, अनुसंधान, संचालन, नीति और कानूनी टीम होगी ताकि हम अपने नेटवर्क में होने वाले संभावित दुरुपयोग को वास्तविक समय में रोक सके। भारत के लिए मेटा के समीक्षक 20 भारतीय भाषाओं में हैं। इससे घृणा फैलाने वाली भाषा और अन्य हानिकारक सामग्री को हटाने में महत्वपूर्ण प्रगति हुई है। मेटा अपने सभी एप से उन सामग्री को हटा दे रहा है, जिसका उद्देश्य मतदान को रोकना है, या जिससे हिंसा या शारीरिक नुकसान हो सकता है।