नई दिल्ली । राफेल युद्धक विमान सौदे को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार को रक्षा मंत्रालय की फाइलों के हवाले से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर राफेल की बेंचमार्क कीमत को 5.2 बिलियन यूरो से बढ़ाकर 8.2 बिलियन यूरो करने का आरोप लगाया है। पार्टी ने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इस मामले की जांच कराने की मांग को दोहराते हुए कहा कि इससे दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने यहां संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि कहा कि इस मामले पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी वकालत करने वाले झूठ बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि आखिर सरकार राफेल युद्धक विमान सौदे की जेपीसी जांच से क्यों भाग रही है। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि हमारा आरोप है कि 5.2 बिलियन यूरो की जो बेंचमार्क कीमत थी, उसे प्रधानमंत्री ने खुद बदलवा दिया था। इसलिए हमारी मांग है कि संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से इस मामले की जांच होनी चाहिए।
ये सरकार सुप्रीम कोर्ट को गलत हलफनामा देकर गुमराह कर रही है| ऐसी सरकार को तो बर्खास्त होना चाहिए। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि राफेल फाइल नोटिंग्स से पता चलता है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेंचमार्क कीमत 5.2 बिलियन यूरो से बढ़ाकर 8.2 बिलियन यूरो कर दी है। रक्षा मंत्रालय की फाइल स्पष्ट रूप से बेंचमार्क मूल्य की वृद्धि पर आपत्तियों को दर्ज करती है।
उन्होंने सवाल किया कि प्रधानमंत्री ने सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (सीसीए) में बेंचमार्क मूल्य को 5.2 बिलियन यूरो (39,422 करोड़) से बढ़ाकर 8.2 बिलियन यूरो (62,166 करोड़) क्यों कर दिया। राजकोष के इस नुकसान के लिए कौन जिम्मेदार है। उन्होंने रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण से कीमतें बढ़ाये जाने का कारण संसद को बताने की मांग करते हुए कहा कि रक्षा मंत्रालय के वित्त विभाग के प्रमुख रहे सुधांशु मोहंती ने पूरे मामले पर रक्षा मंत्रालय की फ़ाइलों में दर्ज आपत्तियों को उजागर कर दिया। इस तथ्य की पुष्टि नवंबर, 2018 में वित्त मंत्रालय के प्रमुख सुधांशु मोहंती द्वारा की गई थी| उन्होंने इसमें केंद्र सरकार को दोषी ठहराया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर अब तक प्रधानमंत्री या रक्षा मंत्री ने सुधांशु मोहंती के बयान का खंडन नहीं किया है। सुरजेवाला ने कहा कि ताजा रहस्योद्घाटन से साफ है कि राफेल की फइलों में ही भ्रष्टाचार और गड़बड़झाले की परतें दबी हैं। सुरजेवाला ने कहा कि मोदी ने एमएमआरसीए बिड के तहत पहले खरीदे जा रहे 126 जहाज से भी घटिया जहाज खरीद लिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या इससे हमारी सुरक्षा के साथ समझौता नहीं हुआ। मोदी ने एक अन्य कंपनी यूरोफाइटर के 20 प्रतिशत कम कीमत वाले प्रस्ताव को नजरअंदाज कर देश के खजाने को चूना लगाया। यह तथ्य रक्षा मंत्रालय की फाइलों में दर्ज है।