हुआ चमत्कार : 25 घंटे बाद बोरवेल से बाहर आया मासूम, पहुंचाया अस्पताल

राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी के नजदीकी गांव चारण का बास गांव में गुरुवार को खेलते समय बोरवेल में गिरे चार वर्षीय मासूम रविन्द्र को आखिरकार 25 घंटे बाद रेस्क्यू कर लिया गया। खास बात ये रही कि रविन्द्र पूरे होश में बाहर निकला। जिसे देखते ही लोगों के चेहरों पर खुशी दौड़ पड़ी। 25 घंटे बाद बोरवेल से सुरक्षित निकलने को लोगों ने ईश्वरीय चमत्कार भी बताया। बाहर लाते ही रविन्द्र को मां के साथ उपचार के लिए एंबुलेंस से खाटूश्यामजी के अस्पताल भेज दिया गया। इससे पहले एनडीआरएफ, एसडीआरएफ व सिविल डिफेंस की टीम के संयुक्त बचाव अभियान में बोरवेल के पास करीब 55 फीट का गड्ढा खोदा गया। जिसे एक सुरंग के जरिये बोरवेल तक जोड़कर उसमें लोहे के ड्रम लगाए गए। इस सुरंग के जरिये एनडीआरएफ का जवान.रविन्द्र तक पहुंचा। जहां से उसे गोद में उठाकर बाहर निकाल लाया गया।

इनकी रही अहम भूमिका
रेस्क्यू ऑपरेशन में एनडीआरएफ के राजपाल और जितेन्द्र की अहम भूमिका रही। इसके अलावा मनोज, एसडीआरएफ के ओम प्रकाश व महेश सैनी तथा सिविल डिफेंस टीम के महेंद्र और तेजपाल भी ऑपरेशन में अहम किरदार रहे। जो गड्ढे में नीचे उतरकर रविन्द्र को बाहर लेकर आए। अभियान में ग्रामीणों का भी पूरा सहयोग रहा। जिन्होंने कुई खोदने से लेकर जरुरत की हर छोटी- बड़ी चीज उपलब्ध करवाने में तत्परता दिखाई।

कल शाम चार बजे गिरा था मासूम
चारण का बास गांव की बिजारणियां की ढाणी में चार वर्षीय रविन्द्र गुरुवार शाम को खेलते समय बोरवेल में गिर गया था। यहांं लक्ष्मणराम जाट के खेत में बोरवेल की खुदाई हुई थी। जिसकी गुरुवार को पाइप निकालने के बाद भराई का काम चल रहा था। करीब 400 फीट के बोरवेल को 350 फीट से ज्यादा भर भी दिया गया था। करीब 50 फीट की भराई बाकी थी कि इसी बीच परिजन खाना खाने चले गए। पीछे से रविन्द्र खेलते- हुए वहां पहुंच गया। जो बोरवेल के गड्ढे में गिर गया। घटना की जानकारी पर पुलिस व प्रशासन की टीम के साथ सिविल डिफेंस की टीम मौके पर पहुंची। बाद में एसडीआरएफ व एनडीआरएफ को भी बुलाया गया। जिसने 24 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद रविन्द्र को बाहर निकालने में कामयाबी हासिल की।

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