मोदी व योगी के ड्रीम प्रोजेक्ट स्वच्छ भारत मिशन को गंभीरता से नहीं ले रहे हैं जिम्मेदार अधिकारी

  • गिरजा पुरी सिंचाई कॉलोनी में नहीं है स्वच्छ भारत मिशन को अमलीजामा पहनाने के लिए एक भी शौचालय।
  • सिंचाई कॉलोनी में रहते हैं लगभग 100 परिवार।
  • शौच चत्यादि के लिए सिंचाई कॉलोनी वासियों को जाना पड़ता है कतर्नियाघाट जंगल की झाड़ियों में।
  • चारों तरफ से जंगली झाड़ियों से घिरे होने के कारण आए दिन बना रहता है जंगली जानवरों के हमले का खतरा।
( क़ुतुब अंसारी / ज़ैद )
मिहींपुरवा (बहराइच) –  मिहींपुरवा तहसील क्षेत्र अंतर्गत कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के कतर्निया रेंज अंतर्गत स्थित सिंचाई विभाग की सिंचाई कॉलोनी गिरजापुरी का निर्माण लगभग 40 वर्ष पूर्व सरयू नहर खंड प्रथम के अंतर्गत बने गिरजा पुरी बैराज बैराज के निर्माण के दौरानविभागीय अधिकारियों और कर्मचारियों के रहने के लिए सिंचाई विभाग द्वारा कराया गया था। जहां निवास करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों के परिवारों के निवास के लिए सारी सुख-सुविधाओं के तहत नित्यकर्म इतिहास के लिए शौचालय का भी निर्माण कराया गया था।
जो विभाग की उदासीनता व जिम्मेदार अधिकारियों के लापरवाह रवैया के कारण समुचित देखरेख व मरम्मत के अभाव में सालों पहले ही अपना वजूद खो बैठे हैं। गिरजा पुरी सिंचाई कॉलोनी में लगभग 100 परिवार निवास करते हैं। सिंचाई कॉलोनी में निवास करने वाले पुरुषों महिलाओं बच्चों आदि को नित्यकर्म व शौच इत्यादि के लिए जान हथेली पर लेकर कतर्नियाघाट की जंगली झाड़ियों की तरफ रुख करना पड़ता है। क्योंकि कतर्नियाघाट वन्य जीव प्रभाग के आसपास के ग्रामों सहित कॉलोनी में कई बार तेंदुए ,हाथी, बाघ इत्यादि जंगली खूंखार जानवरों के हमले होते रहे।
एक तरफ जहां केंद्र की मोदी व प्रदेश की योगी सरकार स्वच्छ भारत मिशन के तहत खुले में शौच न करने के लिए लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से लाखों रुपए विज्ञापन और शौचालयों के निर्माण पर लाखों रुपए खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ वहीं दूसरी तरफ गिरजा पुरी कॉलोनी वासियों को एक अध्यक्ष सुलभ शौचालय भी मुहैया नहीं हो पा रहा है। ना तो विभाग के जिम्मेदार अधिकारी मोदी के स्वच्छ भारत मिशन को पूरा करने में सरकार का सहयोग करने मे अपने दिलचस्पी दिखा रहे हैं । और ना ही खुले में जंगली झाड़ियों में शौच इत्यादि के लिए जाते समय लोगों पर लगातार हो रहे जंगली जानवरों के हमले से सबक ले रहे।