मोदी सरकार ने खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने की मंजूरी दे दी है. आज कैबिनेट की बैठक के बाद खरीफ फसलों की एमएसपी को डेढ़ गुणा तक बढ़ाया गया है. धान का एमएसपी 200 रुपए क्विंटल बढ़ाया गया है. पिछले साल धान का एमएसपी 1550 रुपए प्रति क्विंटल था. इसमें अब 200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है.
इसके साथ ही दालों के एमएसपी में भी बढ़ोतरी की गई है. उड़द के एमएसपी में 200 रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा हुआ है. उड़द का पहले समर्थन मूल्य 5400 था जो कि अब बढ़कर 5600 हो गया है. वहीं मूंग का एमएसपी 5575 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 6975 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है. अरहर के समर्थन मूल्य में 225 रुपए प्रति क्विंटल की दर से इजाफा हुआ है. पहले इसका समर्थन मूल्य 5450 रुपए प्रति क्विंटल था जो कि अब बढ़ाकर 5675 प्रति क्विंटल किया गया है.
रागी के एमएसपी में जबरदस्त इजाफा किया गया है. रागी का एमएसपी 1900 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 2897 रुपए प्रति क्विंटल किया गया है.
मोदी सरकार ने अपने बजट में किए गए वादे को पूरा करने के लिए पिछले दिनों एमएसपी बढ़ाए जाने का ऐलान किया था. इसे किसानों में उपजे असंतोष को शांत करने के कदम के तौर पर भी देखा जा रहा है. सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए नई व्यवस्था की घोषणा की है. इसके तहत किसानों को उत्पादन लागत पर 50 फीसदी प्रॉफिट मार्जिन मिलेगा. बताया जा रहा है नई एमएसपी नीति की वजह से केंद्र के खजाने पर 33,500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त बोझ पड़ सकता है.
बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी
अपने बजट भाषण में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने घोषणा की थी कि केंद्र और राज्य सरकारों के साथ मशविरा करके नीति आयोग एक बेहतर प्रणाली स्थापित करेगा. जिससे ये सुनिश्चित हो सके कि किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का पूरा लाभ मिले.
बताया जा रहा है कि नए एमएसपी का अतिरिक्त खर्च जीडीपी का 0.2 फीसदी है. नए एमएसपी पर होने वाले अतिरिक्त खर्च में धान की हिस्सेदारी 12,300 करोड़ रुपये होगी.
एमएसपी तय तय करने के लिए सबसे ज्यादा जोर मजदूरी पर है, जो कि लागत का 53 फीसदी होता है. इसके अलावा फर्टिलाइजर, पेस्टिसाइड्स, सिंचाई, और बीज के खर्च को भी जोड़ा जाएगा. सरकार एमएसपी में बढ़ोत्तरी के साथ साल 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने के वादे पर काम कर रही है.