नई दिल्ली । सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंशन की नीति को अपनाते हुए भ्रष्टाचार और अन्य आरोपों में फंसे 22 वरिष्ठ अधिकारियों को रिटायार (सेवानृवित) कर दिया है। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड के 22 सीनियर अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है।
बता दें कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार के दोबारा सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार और अन्य मामलों के आरोपी अफसरों को निकालने का सिलसिला जारी है। इसी कड़ी में केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के 20 से अधिक वरिष्ठ अधिकारियों जबरन रिटायर कर दिया है।
Central Board of Indirect Taxes & Customs (CBIC) has compulsorily retired yet another 22 senior officers of the rank of Superintendent/AO under Fundamental Rule 56 (J) in the public interest, due to corruption and other charges. pic.twitter.com/848fScXJdG
— ANI (@ANI) August 26, 2019
सीबीआईसी के जिन जिन 22 अधिकारियों को रिटायर किया गया है। वे सभी सुपरिटेंडेंट और एओ रैंक के अधिकारी थे। बता दें कि इन अधिकारियों को हटाने का ये फैसला फंडामेंटल रूल 56 (जे) के तहत लिया गया है।
यह पहली बार नहीं है जब केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड में वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है। इससे पहले बीते जून महीने में 15 अधिकारियों की छुट्टी की गई थी। ये अधिकारी सीबीआईसी के प्रधान आयुक्त, आयुक्त, और उपायुक्त रैंक के थे। इनमें से अधिकांश के खिलाफ भ्रष्टाचार और घूसखोरी के आरोप हैं। वहीं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कार्यभार संभालते ही आयकर विभाग के 12 वरिष्ठ अधिकारियों को जबरन रिटायर कर दिया था। सरकार की आज की कार्रवाई के बाद अब तक कुल 49 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया गया है।