Eid 2018: भारत में कही नहीं दिखा चांद, अब कल मनाई जाएगी ईद, देखे VIDEO
Dainik Bhaskar
आज देश में कही भी चांद नहीं नजर आया, जिससे कारण अब ईद शनिवार को मनाई जाएगा।जामा मस्जिद की मरकजी रुयते हिलाल कमेटी की बैठक के बाद यह घोषणा की गई।
आज देश में कही भी चांद नहीं नजर आया, जिससे कारण अब ईद शनिवार को मनाई जाएगा।जामा मस्जिद की मरकजी रुयते हिलाल कमेटी की बैठक के बाद यह घोषणा की गई। कमेटी ने घोषणा की कि देश में कहीं भी आज चांद नजर नहीं आया। ऐसे में कल यानी कि शुक्रवार को ईद नहीं मनाई जाएगी।
फतेहपुरी मस्जिद के शाही इमाम मुफ्ती मुकर्रम अहमद ने ‘भाषा’ को बताया, ‘‘देश के किसी भी हिस्से में चांद नहीं दिखा। इसलिए अब ईद शनिवार को होगी। इस बार के रमजान का कल आखिरी रोजा होगा।’’ इस्लामी कैलेंडर के तहत रमजान का महीना पूरा होने पर ईद मनाई जाती है।
अरब से जुड़ी इस पुरानी रवायत पर अटूट विश्वास रखने वाले बहुतेरे मुसलमानों ने इस तस्दीक को नहीं माना और 17 के बजाय 18 मई को पहला रोजा रखा। रमजान में 29 या 30 रोजे होते हैं। इनकी संख्या ईद का चांद दिखने से तय होती है।
ईद मनाने की कहानी
ईद के दिन ही पैगम्बर हजरत मुहम्मद ने बद्र की लड़ाई में जीत प्राप्त की थी। उनके जीतने की खुशी में ईद का त्योहार मनाया जाता है। पहली ईद उल फितर 624 ईस्वी में मनाई गई थी। इस्लाम के कैलेंडर के हिसाब से दो ईद मनाई जाती है।
यह हर मुसलमान का फर्ज बताया गया है कि वह जकात के रूप में जरूरतमंदों को दान आदि करे।
ईद मनाने का तरीका
ईद के दिन सुबह उठ कर नहा कर नए सफेद रंग के कपड़े पहने जाते हैं। इसके बाद मुसलमान भाई ईदगाह जा कर विशेष दुआ अदा करते हैं। नमाज से पहले सभी लोग कुरान में लिखे अनुसार गरीबों को जकात देते हैं। इसे फितर भी कहते हैं। यह रोजे को तोड़ने के बाद दी जाती है।
इसके बाद इमाम ईद की विशेष इबादत करवाते हैं जिसमें दो रकत नमाज भी अदा करनी होती है। ईद को मीठी ईद भी कहा जाता है। इस दिन घरों में सेवइयां और खीर बना कर सभी का मुंह मीठा किया जाता है।