अमित शुक्ला
उन्नाव। लखनऊ-कानपुर रेल मार्ग पर ट्रेनों के संचालन के दौरान होने वाली दुर्घटनाओं का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कुछ दिनों पहले दो ट्रेनों के बेपटरी होने के बाद बुधवार को मगरवारा स्टेशन पर एक बार फिर मालगाड़ी के डिरेल होने की घटना सामने आई। हालांकि इस दौरान बड़ा हादसा होते-होते बच गया। दुर्घटना से आधा दर्जन एक्सप्रेस से लेकर दूसरी ट्रेनों की रफ्तार कई घंटे के लिए प्रभावित रही। रेल महकमे के तमाम अधिकारी और कर्मचारी ट्रैक के हालात को सामान्य करने में जुटे रहे और करीब 3 घंटे बाद ट्रैक बहाल किया जा सका।
मंगलवार को सुबह 10 बजे झांसी से चली मालगाड़ी मगरवारा स्टेशन के ट्रैक पर गिट्यिां उतारने के लिए रूकी थी। बुधवार को सुबह 6 बजे तक गिट्टियों को ट्रेन से खाली
करने के बाद 9:45 पर इसे झंडी दिखाकर रवाना किया गया। जैसे ही मालगाड़ी चली उसमें लगे 29 वें डिब्बे के चार पहिए बेपटरी हो गये। मामले की जानकारी होते ही पूरा रेल महकमा मौके पर पहुंचा गया। रेल पथ के इंजीनियरों की टीम के साथ आरपीएफ जवानों ने मौके का हाल परखते हुए तत्काल प्रभाव से ट्रैक को सुधारने का काम किया। सबसे पहले आगे के 28 डिब्बों को कपलिंग से हटाकर गन्तव्य को रवाना किया गया। उसके बाद ट्रेन को पटरी पर लाने की कार्रवाई पूरी की जाती रही। दुर्घटना के तीन घंटे बाद रेल महकमा उसे सामान्य करने में सफल रहा।
शताब्दी एक्सप्रेस समेत कई ट्रेने शुक्लागंज मे रही खडी, शाम तक लूप लाइन रही छतिग्रस्त
मालगाड़ी के बेपटरी होने से लखनऊ-कानपुर रूट की आधा दर्जन ट्रेनों की चाल कई घंटे के लिए प्रभावित रही। इस बीच शताब्दी समेत कानपुर प्रयाग इंटरसिटी, झांसी पैसेंजर, 64206 मेमू पैसेंजर, लोकमान्य तिलक, आगरा कैंट इंटरसिटी, झांसी इंटरसिटी ट्रेनों की चाल रूकी रही। जिन्हें शुक्लागंज स्टेशन पर खड़ा रखा गया। लखनऊ से आई दुर्घटना राहत ट्रेन से देर शाम तक क्षतिग्रस्त डिब्बे को पटरी पर लाने का काम किया जाता रहा है। इस दौरान डीआरएम संजय त्रिपाठी के निर्देश पर दुर्घटना स्थल की जांच करने के लिए सुरक्षा अधिकारी एके यादव के नेतृत्व में तीन सदस्यीय की टीम मौजूद रही। इससे पहले सिविल लाइन से सीओ सिटी उमेश चन्द्र त्यागी, कोतवाली दिनेश चन्द्र मिश्रा आदि मौके का जायजा लेने को मौजूद रहे।