भोपाल । मध्य प्रदेश में मतदान के लिए बस एक दिन का समय बचा है। निर्वाचन संबंधी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। राजनीतिक दलों ने भी अपनी तरफ से प्रचार प्रसार में कोई कमी नहीं रखी है। सबसे कड़ा मुकाबला भाजपा और कांग्रेस के बीच देखने को मिलेगा। एक ओर जहां भाजपा चौथी बार सरकार बनाने की तैयारी में है तो वहीं सत्ता का वनवास झेल रही कांग्रेस के सामने जीत की चुनौती है। विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 28 नवंबर को होगा। 11 दिसम्बर को चुनाव परिणाम घोषित किया जाएगा। दोनों ही दिन मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक है। इस बार मतदान प्रतिशत 80 के पार पहुंचने की उम्मीद है।
विधानसभा की 230 सीटों के लिए 65 हजार 341 मतदान केन्द्र और 26 सहायक मतदान केन्द्रों पर मतदान होगा। प्रदेश के 5 करोड़ 4 लाख 33 हजार 79 मतदाता मतदान करेंगे। इनमें पुरूष 2 करोड़ 63 लाख एक हजार 300 और महिला मतदाता 2 करोड़ 41 लाख 3 हजार 390 है। इन मतदाताओं के अलावा प्रदेश के 62,172, सर्विस वोटर भी मतदान में हिस्सा लेंगे। कुल मतदाताओं में 1389 थर्ड जेंडर और 5 एनआर आई भी शामिल हैं। सबसे अधिक 24 लाख 80 हजार 68 मतदाता इंदौर जिले और सबसे कम 3 लाख 84 हजार 782 हरदा जिले में हैं। सबसे अधिक पुरूष और महिला मतदाता भी इंदौर जिले में हैं। इसी तरह हरदा जिलें भी इनकी संख्या सबसे कम है। चुनाव में 18-19 आयु वर्ग के 16 लाख 3 हजार 73 और 20-29 आयु वर्ग एक करोड़ 38 लाख 26 हजार 251 मतदाता मतदान करेंगे। प्रदेश में मतदाताओं का जेंडर रेशो वर्ष 2013 में 848 था, जो अब बढ़कर 917 हो गया है।
वर्ष 2013 के विधान-सभा चुनाव के 2583 उम्मीदवारों की तुलना में इस बार 2899 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। इनमें 2644 पुरूष 250 महिला और 5 थर्ड जेंडर हैं। सबसे अधिक 34 मेहगांव (भिण्ड) तथा सबसे कम 4 गुन्नौर (पन्ना) में हैं। चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों में 25-30 आयु वर्ग के 345, 31-40 आयु के 802, 41-50 आयु के 932, 51-60 आयु के 532, 61-70 आयु के 247 और 71 से ज्यादा उम्र के 41 हैं। सबसे अधिक उम्र 89 वर्ष के खांगर निर्भय सिंह हैं, जो सिलवानी (रायसेन) से चुनाव मैदान में हैं। चुनाव लड़ने की निर्धारित न्यूनतम आयु सीमा 25 साल है। इस आयु के लगभग 40 उम्मीदवार मैदान में उतरे हैं।
राजनैतिक दल
मध्यप्रदेश में राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त 7 राजनैतिक दल मे से 6 चुनाव लड़ रहे हैं। अन्य दलों की संख्या 114 है जबकि निर्दलीय प्रत्याशियों की संख्या 1094 है। राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त भारतीय जनता पार्टी 230, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस 229, बहुजन समाज पार्टी 227, सीपीआई 18, सीपीआई (एम) 13 उम्मीदवारों के साथ चुनाव-रणभूमि में है। एनसीपी का कोई उम्मीदवार इस बार नहीं है। अन्य प्रमुख दलों मे आप पार्टी के 208, सपाक्स के 110 और सवर्ण समाज पार्टी के 81 उम्मीदवार भी भाग्य अजमा रहे हैं।
चुनाव पर एक नजर
1. 6 अक्टूबर 2018 को हुई थी चुनाव की घोषणा
2. 2 नवंबर को अधिसूचना जारी होने के साथ नामाकंन शुरू
3. 9 नवंबर तक जमा हुए 4157 नामाकंन पत्र
4. 12 नवंबर को स्क्रूटनी में 578 निरस्त
5. 14 नवंबर तक 538 उम्मीदवारों ने नाम वापिस लिए
6. अंत में 2899 उम्मीदवार
7. 1985 के बाद पहली बार 250 महिला उम्मीदवार
8. 5 ट्रांसजेंडर और 1094 निर्दलीय भी मैदान में
9. आम निर्वाचन में पहली बार वीवीपैट का इस्तेमाल
10. सुरक्षा व्यवस्था सम्हालेंगी केन्द्रीय बलों की 650 कंपनी
11. उम्मीदवारों को प्रकाशन/प्रसारण के जरिए देना होगा आपराधिक रिकॉर्ड
12. दिव्यांगजनों के लिए सुगम्य पोर्टल एवं मोबाइल एप
13. दिव्यांग मतदाताओं को ब्रेललिपि मतदाता पहचान पत्र
14. पहली बार क्यूलैस पोल मोबाइल एप
15. मतदान प्रतिशत के लिए मत प्रतिशत मोबाइल एप
16. मतदाताओं के लिए वोटर गाइड (मतदाता मार्गदर्शिका)
17. मतदाता जागरूकता के लिए ऑडियों-वीडियो सीडी
मध्यप्रदेश में बुधवार को 65 हजार 365 मतदान केंद्रों पर होगी वोटिंग
मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए बुधवार, 28 नवम्बर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान होगा। इसके लिए प्रदेशभर में 65 हजार 367 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं, जहां वोटिंग के लिए ई.व्ही.एम के साथ व्ही.व्ही.पैट का उपयोग होगा। मशीन खराब होने पर उसे तुरन्त बदलने के लिये सभी सेक्टर मजिस्ट्रेट के पास ईव्हीएम और व्हीव्हीपैट रिजर्व रखी गई हैं।
मतदान के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मंगलवार को सुबह सभी जिला मुख्यालयों पर मतदान दलों को मतदान सामग्री के साथ मतदान केंद्रों के लिए रवाना किया गया। शाम तक सभी मतदान दल मतदान केंद्रों पर पहुंच जाएंगे और बुधवार को सुबह आठ बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। वास्तविक मतदान कराने के पूर्व नोटा सहित सभी अभ्यर्थी के समक्ष का बटन दबाकर मॉकपोल किया जाएगा। मॉकपोल की स्लिप को काले लिफाफे में सील कर प्लास्टिक बॉक्स में रखकर पिंक पेपर सील कर मॉकपोल सर्टिफिकेट जारी होगा।
यदि व्ही.व्ही.पैट की बैटरी कार्य नहीं कर रही है या डिस्चार्ज है, तो मशीन को बन्द कर व्ही.व्ही.पैट. की नवीन बैटरी लगाई जाएगी। यदि मशीन में प्रिंटर की समस्या है, तो व्ही.व्ही. पैट मशीन को बन्द कर रिजर्व व्ही.व्ही. पैट से बदली जाएगी। मतदाताओं द्वारा डाले गये सभी मत कन्ट्रोल यूनिट में और व्ही.व्ही.पैट. की पर्ची ड्राप बाक्स में पूर्णत: सुरक्षित है। ये मशीनें मतदान के दौरान कार्यशील न होने पर भी पूर्व में डाले गये सभी मत गोपनीय और सुरक्षित रहते हैं।
संवेदनशील 13 हजार मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग और सीसीटीवी की व्यवस्था
मध्यप्रदेश में बुधवार, 28 नवम्बर को विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देश पर प्रदेशभर में 13 हजार 55 मतदान केंद्रों को संवेदनशील की श्रेणी में रखते हुए इन केन्द्रों पर वेबकास्टिंग एवं सीसीटीवी की व्यवस्था की गई है। इनमें से वेबकास्टिंग के माध्यम से 6 हजार 655 मतदान केन्द्रों पर लाइव प्रसारण और 6 हजार 400 मतदान केन्द्रों पर सीसीटीवी कैमरा से विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है। इस कार्य के लिये प्रत्येक मतदान केन्द्र पर एक अतिरिक्त व्यक्ति भी नियुक्त किया गया है।
प्रत्येक रिटर्निंग एवं जिला निर्वाचन अधिकारी स्तर पर वेबकास्टिंग व्यूइंग टीम भी नियुक्त की गई है, जिसमें एक तकनीकी टीम विधानसभा स्तर पर नियुक्त की जा रही है। मतदान केन्द्र पर नियुक्त किये जा रहे व्यक्तियों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया है। प्रदेश में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मतदान केंन्द्रों पर वेबकास्टिंग एवं सीसीटीवी की व्यवस्था की गयी है। इसके माध्यम से असामाजिक तत्व, मतदान प्रक्रिया को बाधित करने वाले पोलिंग एजेंट, फर्जी वोटर जैसे व्यक्ति निगरानी में रहेंगे।
तीन लाख से अधिक कर्मी मतदान केन्द्रों पर तैनात
विधानसभा निर्वाचन 2018 को सम्पन्न कराने के लिये कुल मतदान केन्द्र 65 हजार 367 (26 सहायक मतदान केन्द्र) में कुल 3 लाख 782 मतदान कर्मी लगाये गए हैं। इसमें 2 लाख 54 हजार 878 पुरूष तथा 45 हजार 904 महिला कर्मी हैं। तीन हजार 46 मतदान केन्द्र महिला कर्मियों द्वारा संचालित होंगे तथा 160 पीडब्ल्यूडी बूथ दिव्यांग कर्मचारियों द्वारा संचालित होंगे। निष्पक्ष एवं स्वतंत्र चुनाव के लिए 12 हजार 363 माईक्रो आब्जर्वर की तैनाती मतदान केन्द्रों पर की गई है, जिसमें 12 हजार 211 पुरूष एवं 152 महिला माईक्रो आब्जर्वर हैं।