रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में पहुंचते ही खुशी से झूम उठे MP के खिलाड़ी

मध्यप्रदेश ने रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल वन में बंगाल को 174 रन से हराकर रणजी ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना ली है। आखिरी बार मध्यप्रदेश 1999 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में पहुंची थी। फाइनल में उसका मुकाबला मुंबई से होगा। दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई ने यूपी को पहली पारी में बढ़त के आधार पर हराया। बंगाल के खिलाफ मध्यप्रदेश ने पहली पारी में 341 रन बनाए थे जिसके जवाब में बंगाल की टीम 273 रन ही बना सकी।

हिमांशु बने मैन ऑफ द मैच

पहली पारी के आधार पर मध्यप्रदेश ने 68 रन की बढ़त हासिल हुई। इसके बाद दूसरी पारी में मध्यप्रदेश ने 281 रन का स्कोर खड़ा किया। बंगाल के सामने जीत के लिए 350 रन का टारगेट था, लेकिन दूसरी पारी में बंगाल की टीम केवल 175 रन ही बना सकी। मध्य प्रदेश की तरफ से पहली पारी में 165 रन जड़ने वाले सलामी बल्लेबाज हिमांशु मंत्री को मैन ऑफ द मैच चुना गया। वहीं, कुमार कार्तिकेय ने दूसरी पारी में 5 विकेट झटके।

मध्य प्रदेश ने पहली पारी में मंत्री के शतक और अक्षत रघुवंशी के शानदार 63 रनों की बदौलत ही 341 रनों का स्कोर बना पाई। इसके जवाब में बंगाल की ओर से मनोज तिवारी (102) और शाहबाज अहमद (116) के शतकों के बाजवूद 272 रन पर ही सिमट गई। मध्य प्रदेश के लिए दूसरी पारी में कप्तान आदित्य श्रीवास्तव (82) और रजत पाटीदार (79) के अर्धशतकों की बदौलत एमपी दूसरी पारी में 281 रन बनाने में सफल रही।

इससे पहले 1999 में एमपी की टीम ने कर्नाटक के खिलाफ एकमात्र फाइनल खेला है।

मुंबई के लिए यशस्वी जायसवाल का धमाकेदार प्रदर्शन

दूसरे सेमीफाइनल में मुंबई की टीम ने 393 और 533 रन के पहाड़ जैसे स्कोर बनाए। वहीं, उत्तर प्रदेश की टीम 180 रन ही बना पाई। ऐसे में पहली पारी में बढ़त के आधार पर मुंबई को जीत मिली और टीम फाइनल में पहुंच गई। मुंबई के लिए यशस्वी जायसवाल ने दोनों पारियों में शानदार शतक जड़ा। पहली पारी में उनके बल्ले से 100 और दूसरी पारी में 181 रन निकले। वो प्लेयर ऑफ द मैच भी थे।

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